गुलाम कश्मीर की "आजादी" का सच
July 16, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

गुलाम कश्मीर की "आजादी" का सच

by
Jun 8, 2006, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 08 Jun 2006 00:00:00

-जम्मू से विशेष प्रतिनिधि

मीरपुर के जीर्ण-शीर्ण किन्तु सुप्रसिद्ध प्राचीन रघुनाथ मंदिर के मुख्य द्वार पर

विस्थापितों के नेता श्री यशपाल (दाएं)

“पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का नाम भले ही “आजाद कश्मीर” रख दिया गया हो पर वहां आजादी नाम की कोई चीज नहीं है। वहां के सामाजिक स्वरूप को योजनाबद्ध तरीके से बदला जा रहा है। बाहर से आए लोगों का वहां बोलबाला है जिसे लेकर स्थानीय मूल समाज दु:खी है। इसके बावजूद पहाड़ी बोली की मिठास और सौहाद्र्र की परम्परा यहां कायम है। पाकिस्तानी कब्जे वाले क्षेत्रों के लोग शांति चाहते हैं और जम्मू के पहाड़ी एवं डोगरा लोगों के साथ जुड़ने की उम्मीद भी लगाए हैं।”

पिछले दिनों पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों से विस्थापित हुए लोगों का एक प्रतिनिधिमण्डल “आजाद कश्मीर” गया था। उन्होंने ही उपरोक्त बातें बताईं। यात्रा का संयोजन अंतरराष्ट्रीय संस्था (एस.ओ.एस.) ने किया था। यह यात्रा नियंत्रण रेखा के दोनों ओर रहने वाले कश्मीरियों में आपसी विश्वास बहाली के लिए उठाए जा रहे कदमों का ही एक हिस्सा थी। इस दल में शामिल श्री यशपाल गुप्ता ने यात्रा से लौटकर बताया कि आजाद कश्मीर के गृह सचिव तथा पुलिस महानिदेशक, जो पाकिस्तान के हैं, को वहां के प्रधानमंत्री से भी अधिक अधिकार मिले हुए हैं। जिस तरह समूचे जम्मू-कश्मीर राज्य पर कश्मीरी नेताओं का वर्चस्व है, उसी तरह गुलाम कश्मीर में पंजाबियों का बोलबाला है। पहाड़ी और डोगरा समाज तो बस इस आशा में जी रहा है कि कभी तो परिवर्तन होगा, और उन्हें अधिकार मिलेंगे। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जे.के.एल.एफ.) के नेता इन प्रतिनिधियों के साथ वार्ता में कुछ मायूस दिखे। सद्भावना दल के एक सदस्य ने जे.के.एल.एफ. के संस्थापक अमान उल्लाह खान से भेंट की और उन्हें जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आपकी (अमान उल्लाह खान) वजह से राज्य में सशस्त्र आतंकवाद की शुरुआत हुई। जिसमें अब तक 50000 से ज्यादा निर्दोष लोगों की जानें जा चुकी हैं, हजारों महिलाएं विधवा हो गईं और हजारों बच्चे अनाथ हो गए। साथ ही साथ लाखों लोग पलायन और अभाव की जिदगी जीने को बाध्य हुए।

उल्लेखनीय है कि जे.के.एल.एफ.की नींव 1989 में पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था आई.एस.आई. ने आपरेशन “टोपाक” योजना के अन्तर्गत डाली थी। शुरू के 3-4 वर्षों में जे.के.एल.एफ. के निर्देश पर ही आतंकवादी हिंसा की योजना बनाई जाती रही। जैसे-जैसे यह संगठन मजबूत होता गया, इसने स्वतंत्र कश्मीर की मांग करना शुरु कर दिया। परिणाम हुआ कि आई.एस.आई. ने इस संगठन को किनारे कर हिजबुल मुजाहिदीन, जमाते इस्लामी, लश्करे तोइबा, जैश-ए मोहम्मद जैसे पाकिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठनों को खड़ा कर दिया। इस कारण से घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन का प्रभाव घटने लगा है। कहा जा रहा है कि अब जे.के.एल.एफ.को आई.एस.आई. का समर्थन और सहायता मिलनी बंद हो गई है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इसे गुलाम कश्मीर में प्रतिबंधित भी किया जा चुका है, जे.के.एल.एफ. से जुड़ा कोई व्यक्ति पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में तब तक चुनाव नहीं लड़ सकता जब तक वह शपथ-पत्र दाखिल कर आजाद कश्मीर एसोसिएशन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त न करे। पाकिस्तान का यह रवैया “आजाद कश्मीर” के समर्थक नेताओं को नागवार गुजर रहा है जो इन दिनों “गुलाम कश्मीर” में शरण लिए हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी हमले से पूर्व मीरपुर की आबादी 15,000 के लगभग थी जिसमें 70 प्रतिशत से अधिक हिन्दू थे। अब यह ऐतिहासिक शहर लुप्त हो चुका है। पाकिस्तान की सरकार ने वहां मंगला बांध का निर्माण कर मीरपुर शहर को विस्थापित कर दिया है। अब इस नए शहर की आबादी 2 लाख से ऊपर है, लेकिन वहां कोई भी हिन्दू या सिख परिवार नहीं रहता है। “47 में पाकिस्तानी हमले में अनेक मीरपुरवासियों की हत्या कर दी गई और बहुतों को वहां से जबरन भगा दिया गया। जो बचे रह गए उन्हें “निजामे-मुस्तफा” की स्थापना के लिए मुसलमान बनाया जा चुका है।

श्री यशपाल ने बताया कि हालांकि सद्भावना दल में शामिल सदस्य चाहते हैं कि भारत एवं पाकिस्तान के बीच बेहतर मैत्री संबंध हों लेकिन वे निर्दोष लोगों की हत्या और आतंक का पूरा विरोध करते हैं। भारत के बारे में तमाम दुष्प्रचार के बावजूद “गुलाम कश्मीर” के लोग जम्मू के साथ व्यापार और संबंधों की चाहत रखते हैं।

22

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

छांगुर का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बेनकाब : विदेशों में भी 5 बैंक अकाउंट का खुलासा, शारजाह से दुबई तक, हर जगह फैले एजेंट

Exclusive: क्यों हो रही है कन्हैयालाल हत्याकांड की सच्चाई दबाने की साजिश? केंद्र सरकार से फिल्म रिलीज की अपील

एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था  (File Photo)

अमदाबाद Boing दुर्घटना की रिपोर्ट ने कई देशों को चिंता में डाला, UAE और S. Korea ने दिए खास निर्देश

भारत में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिए

पूर्वोत्तर में फिर से अवैध घुसपैठ पर बड़ा प्रहार : दो दलों ने बाहर बाहर निकलने की उठाई मांग

राहुल गांधी खुद जमानत पर हैं और हमें जेल भेजने आये थे: हिमंत बिस्वा

आइए भारतीय सेना का हिस्सा बनिए : अग्निवीर से चिकित्सा कोर में भर्ती होकर करें देश की सेवा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

छांगुर का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बेनकाब : विदेशों में भी 5 बैंक अकाउंट का खुलासा, शारजाह से दुबई तक, हर जगह फैले एजेंट

Exclusive: क्यों हो रही है कन्हैयालाल हत्याकांड की सच्चाई दबाने की साजिश? केंद्र सरकार से फिल्म रिलीज की अपील

एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था  (File Photo)

अमदाबाद Boing दुर्घटना की रिपोर्ट ने कई देशों को चिंता में डाला, UAE और S. Korea ने दिए खास निर्देश

भारत में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिए

पूर्वोत्तर में फिर से अवैध घुसपैठ पर बड़ा प्रहार : दो दलों ने बाहर बाहर निकलने की उठाई मांग

राहुल गांधी खुद जमानत पर हैं और हमें जेल भेजने आये थे: हिमंत बिस्वा

आइए भारतीय सेना का हिस्सा बनिए : अग्निवीर से चिकित्सा कोर में भर्ती होकर करें देश की सेवा

…तो मैं आत्महत्या कर लूंगी : सामने आया ओडिशा पीड़िता का पत्र, लिखा- वो बार-बार मुझे धमकी दे रहे हैं

tulsi leaves benefits

रोजाना सुबह खाली पेट तुलसी की पत्ती चबाने के फायदे

PM Kisan Yojana

PM Kisan Samman Nidhi 20th Installment: किसानों के खाते में इस दिन आएंगे पैसे

हिंदू किन्नरों पर मुस्लिम बना रहे कन्वर्जन का दबाव, धर्म न बदला तो चुभा दिया HIV का इंजेक्शन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies