|
एक नहीं, दो जासूस थे
प्रसिद्ध स्वदेशी चिंतक श्री एस. गुरुमूर्ति ने 27 जुलाई को न्यू इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने एक विशेष लेख में कहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में एक नहीं दो जासूस थे और यह बात 9 साल पहले जाहिर हो चुकी थी। इन जासूसों ने अमरीकी सरकार को सूचना भेजी थी कि नरसिंह राव 1995 में एक परमाणु परीक्षण की योजना बना रहे थे। उनके अनुसार ये दोनों ही तथ्य न्यू इंडियन एक्सप्रेस के 20 सितम्बर, 1997 के अंक के मुख पृष्ठ पर प्रकाशित हुए थे। श्री गुरुमूर्ति ने कहा कि तब 9 साल पहले यह जानकारी newindpress.com वेबसाइट पर भी जारी हो चुकी थी।
उन्होंने इस लेख में अमरीका की राकफैलर फाउंडेशन का उल्लेख करते हुए लिखा है कि उसके गुप्त दस्तावेजों के आधार पर ही दो “जासूसों” का खुलासा किया गया था। उनके अनुसार इनमें एक तो वे थे जो 1995 में अमरीका में भारतीय राजदूत थे और 1997 में गुजरात के राज्यपाल बने थे। दूसरे के बारे में भी काफी हद तक जानकारी थी। राकफैलर फाउंडेशन के दस्तावेजों के अनुसार वे प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी रहे थे, जिन्हें प्रधानमंत्री राव तक सीधी पहुंच रखने वाला व्यक्ति माना जाता था। श्री गुरुमूर्ति लिखते हैं कि इसमें कोई रहस्य नहीं बचा है कि “जासूस” कौन थे, बल्कि महत्वपूर्ण यह सुनिश्चित करना है कि अब ऐसे कोई “जासूस” पी.एम.ओ. में न हों! प्रतिनिधि
12
टिप्पणियाँ