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सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गोवंश रक्षा के फैसले केअभिनन्दन में प्रकाशोत्सवसर्वोच्च न्यायालय की सात सदस्यीय खंडपीठ द्वारा गोवंश की रक्षा हेतु दिए गए ऐतिहासिक निर्णय के अभिनन्दनार्थ गो-सेवा भारती ने इंदौर के पांच प्रमुख स्थानों पर आतिशबाजी की तथा आम जनता एवं गो भक्तों को मिठाई का वितरण किया। आयोजन को सम्बोधित करते हुए विहिप के केन्द्रीय मंत्री श्री हुकुमचंद सांवला ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से अहिंसक समाज के मौलिक अधिकारों की रक्षा होगी। 26 अक्तूबर “05 को सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय दिया था कि गुजरात सरकार ने गोवंश हत्या निषेध का जो कानून बनाया है, वह पूर्णत: संवैधानिक है। 1994 के इस कानून की समीक्षा करते हुए 1998 में गुजरात उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि कसाईयों को 16 वर्ष से ऊपर के बैल और सांड काटने का अधिकार है। इसके विरुद्ध अपील पर सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि 16 वर्ष से ऊपर के बैल और सांड को भी जीने का अधिकार है और वे आर्थिक दृष्टि से भी समाजोपयोगी है। इसलिए इन्हें काटने का अधिकार किसी को नहीं है। इस फैसले की जयन्ती के आयोजन में गोसेवा भारती के सर्वश्री राजेश किंजवे, इन्दौर म.न. अध्यक्ष श्री राजेन्द्र महाजन, दिनेश अग्रवाल, प्रदीप गोयल, रमेश पाल आदि शामिल थे। दीपक नाईक34
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