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-डा. प्रवीण भाटिया, वरिष्ठ चिकित्सक
आज लोग अपने घर में ही खुश नहीं हैं। क्योंकि यदि पति-पत्नी के बीच झगड़ा होता है, तो उन्हें समझाने-बुझाने वाला कोई नहीं होता। पहले संयुक्त परिवार हुआ करता था। घर में बड़े-बुजुर्ग होते थे, जिनके पास अनुभवों का पिटारा होता था। उन अनुभवों का लाभ नई पीढ़ी को मिलता था। पर अब तो संयुक्त परिवार रहा नहीं। परिवार के नाम पर अब सिर्फ पति-पत्नी और बच्चे हैं। परिवार में बड़े-बुजुर्गों के न होने के कारण लोग थोड़े स्वच्छन्द हो जाते हैं। उन्हें जो मर्जी होती है, वही करते हैं। आप याद रखिए मनमर्जी जीवनशैली टिकाऊ नहीं होती। यह जीवनशैली एक दिन पति-पत्नी के बीच मतभेद पैदा करती है। पति-पत्नी में मतभेद पैदा होने का अर्थ है घर को नरक बनाना।
जब किसी को अपना घर ही नरक लगने लगे तो फिर सुख-शान्ति उसके पास कैसे रहेगी। अशान्त दिमाग कोई रचनात्मक कार्य कर नहीं सकता। यही कारण है कि घरेलू हिंसा बढ़ रही है, राह चलते लोग किसी से बेवजह उलझ रहे हैं। तनाव का एक दूसरा कारण है समय का अभाव। जिन्दगी में इतनी भाग-दौड़ बढ़ गई है कि लोगों के पास समय नहीं है। 16-17 घंटे तक भाग-दौड़ और काम करने के बावजूद लोग आर्थिक तंगी से जूझते हैं। इस तंगी को दूर करने के लिए लोग अनेक काम करना चाहते हैं, किन्तु हो नहीं पाता है और उनकी स्थिति जस की तस बनी रहती है। तब फिर उन्हें लगता है कि उनकी जिन्दगी बेकार है। यही सोच एक दिन उन्हें आत्महत्या या किसी की हत्या करने के लिए मजबूर करती है।
तनाव का तीसरा कारण है बाजार में पैसे की उपलब्धता। 15-20 साल पहले बैंक आदि से ऋण लेना आसान नहीं था। किन्तु अब लोगों को ऋण आसानी से मिल जाता है। “क्रेडिट कार्ड” के द्वारा लोग जरूरत से अधिक सामान खरीदते हैं। इस कारण उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। इसलिए अपनी जेब के हिसाब से ही खर्च करना चाहिए, नहीं तो तनाव और गुस्से से आप बच नहीं सकते। वार्ताधारित
तलपट
देश में बढ़ा औद्योगिक उत्पादन
देश के औद्योगिक उत्पादन में गत वर्ष की तुलना में वृद्धि दर्ज की गई है। जुलाई, 2006 में औद्योगिक उत्पादन पिछले दस वर्षो के मुकाबले सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष (2006-07) के प्रथम चार महीनों में औद्योगिक उत्पादन 10.6 प्रतिशत दर्ज किया गया, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष के प्रथम चार महीनों में यह 8.9 प्रतिशत था। खनन में 6 प्रतिशत की वृद्धि इस बार ज्यादा दर्ज की गई है। जबकि विद्युत उत्पादन भी जुलाई, 2005 की तुलना में 8.6 प्रतिशत ज्याजा दर्ज किया गया है। इसी प्रकार खाद्यान्न उत्पादों में 26.8 प्रतशित, ऊन, सिल्क तथा हाथ से बने सूती धागे में 25 प्रतिशत, यातायात उपकरणों में 22.4 प्रतिशत, वस्त्र उत्पाद 17.3 प्रतिशत, धातुओं का उत्पादन 19.5 प्रतिशत तथा अन्य विनिर्माण उद्योगों में 21.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।
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