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बढ़ते जिहादी खतरे…और समाज हुआ सतर्क-तिरुअनंतपुरम से प्रदीप कुमारक्याकेरल अगला कश्मीर बनने की ओर अग्रसर है? हाल ही में पुलिस द्वारा मन्ननचेरी एवं कोझीकोड बस स्टैंड से विस्फोटक जिलेटिन छड़ों की बरामदगी से पता चलता है कि केरल के तटीय जनपदों में अराष्ट्रीय गतिविधियां बदस्तूर जारी हैं। खुफिया रपटों में भी इस तथ्य की पुष्टि हुई है। पिछले दिनों सेनाध्यक्ष ने भी संकेत किया था कि केरल में लश्करे-तोइबा और जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियां जोरों पर हैं। लेकिन इन सबके बावजूद राज्य की कांग्रेस नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार तथा माकपा भी अल्पसंख्यक मतों की चाह में इस बढ़ते खतरे की अनदेखी कर रही है। जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केरल राज्य के सह प्रान्त प्रचारक श्री नन्द कुमार बताते हैं, “यह शर्मनाक है कि केरल के तटीय इलाकों में अराष्ट्रीय गतिविधियां तेज हो गई हैं। कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां पुलिस तो दूर, गुप्तचर भी घुस पाने में असमर्थ हैं। सरकार तटीय क्षेत्रों में अराष्ट्रीय तत्वों की दिन-प्रतिदिन मजबूत हो रही पैठ को नजरअन्दाज कर रही है।” वस्तुत: राज्य में हालात किस कदर खतरनाक हो चले हैं इसका अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अलपुझा जिले के मन्ननचेरी इलाके में बाकायदा जिहादियों द्वारा शस्त्र प्रशिक्षण शिविर चलाए जा रहे हैं और मजहबी कट्टरपंथियों द्वारा अवैध तरीके से अन्य जिलों में भी आधुनिक हथियारों-विस्फोटकों की आपूर्ति की जा रही है। पुलिस की विशेष शाखा से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, “इनके मंसूबे खतरनाक हैं, राज्य के समूचे तटीय इलाकों में कभी भी अशांति फैल सकती है, इसकी पूरी तैयारी जिहादियों ने कर रखी है। केवल अलपुझा से सटे बाहरी इलाके में ही लगभग तीन दर्जन प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं।” मजहबी कट्टरवादियों द्वारा किए जा रहे घृणित प्रचारों और कार्यों से पूरा जिला साम्प्रदायिक तनाव की चपेट में है। मुस्लिम युवकों में व्याप्त गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी भी तटीय क्षेत्रों में उन्मादी तत्वों के लिए लाभप्रद सिद्ध हो रही है। खाड़ी देशों में रह रहे मुसलमानों से मेलजोल भी असहिष्णुता बढ़ाने में सहायक बन गया है।तटीय इलाकों में ट्रकों के जरिए हथियारों की आपूर्ति हो रही है। राज्य में प्रवेश करने वाले ट्रकों को जांच के बाद ही प्रवेश देने के नियम के बावजूद ऐसा हो रहा है। और ऐसे कार्य में संलग्न अपराधी सेकुलर नेताओं के संरक्षण में फल-फूल भी रहे हैं।राज्य के समस्त तटीय जिलों, दक्षिण में विझींजम से लेकर उत्तर में कासरगोड तक मुस्लिम और ईसाई मछुआरे बहुसंख्या में हैं। परिणामत: हिन्दू मछुआरों के जान-माल पर लगातार हमले हो रहे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, “गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के नाम पर जो नौकाएं जाती हैं, उनके संबंध पड़ोसी देश के जहाजों से बन गए हैं, जो उन्हें सभी प्रकार की संदिग्ध सहायता उपलब्ध कराते हैं।”लेकिन इस सबके साथ ही सुखद बात यह है कि केरल की जनता इन खतरों के प्रति धीरे-धीरे जागरूक हो चली है। आन्तरिक सुरक्षा के प्रति जनता को सजग-सावधान करने के लिए पिछले दिनों राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा विशाल राष्ट्ररक्षा संचलन का आयोजन किया गया, उसे जनता का भरपूर समर्थन मिला। इससे यह भी सन्देश गया है कि केरल में एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ने हिन्दू जनता का विश्वास खो दिया है। जनता अपनी सुरक्षा को लेकर जगह-जगह अब स्वत: ही सजग हो चली है।23
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