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पश्चिम आंध्र प्रदेश के वारंगल जिले के मुलुगु नामक स्थान में 6 हजार छात्रों की सभा के प्रारंभ में ही तेज वर्षा हुई। अस्त व्यस्त होते छात्र-समूह को वन्देमातरम् के लिए हुए बलिदानों का स्मरण कराते ही सब स्थिर होकर बैठ गए। पांच बार जोर से “वन्देमातरम्” का घोष हुआ। संयोग से वर्षा तुरंत बन्द हो गई। उसी जिले के पालकुर्ती में पुलिस थाना प्रभारी के द्वारा कार्यकर्ताओं से सारी चिपकियां (स्टीकर्स) खरीद कर पुलिसकर्मियों द्वारा नगर के सारे वाहनों पर चिपकाई गईं। जहां पर कभी संपूर्ण वन्देमातरम् के गायन का विरोध हुआ था, उस काकीनाड़ा में 5 हजार विद्यार्थियों की सभा का कार्यक्रम हुआ। पूर्व आंध्र प्रांत के कार्यक्रमों में तीन पुलिस अधीक्षकों सहित कई पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। गुंटूर में तो वन्देमातरम् सभा में पुलिस अधीक्षक व सह पुलिस अधीक्षक एक संपूर्ण पुलिस बटालियन के साथ वन्देमातरम् ध्वज सहित उपस्थित थे। सभी कार्यक्रमों में विभिन्न राजनीतिक दलों के 300 नेताओं ने भाग लिया।राजस्थान के जयपुर महानगर में 46,247 नागरिकों ने 12 अगस्त को 4.3 कि.मी. लम्बी वन्देमातरम् मानव श्रृंखला बनाई। अलवर में वन्देमातरम् संस्कार सभा में विख्यात चित्रकार श्री सत्यनारायण मौर्य द्वारा किए गए सचित्र प्रबोधन में 8,000 नागरिक उपस्थित थे। अंत: में 800 लोगों ने हाथों में दीपक लेकर भारतमाता की आरती का अनूठा दृश्य उपस्थित किया।श्री गुरुजी धर्म एवं राष्ट्र सेवा की प्रतिमूर्ति थे-माता अमृतानन्दमयी24 अप्रैल की प्रात: नागपुर स्थित रेशिम बाग में श्री गुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष के औपचारिक श्रीगणेश से पूर्व मानो ईश्वरीय आशीर्वाद स्वरूप माता अमृतानन्दमयी संघ कार्यालय आयीं तथा उन्होंने प्रतिनिधि सभा को भी सम्बोधित किया। उन्होंने डा. हेडगेवार स्मारक एवं श्रीगुरुजी स्मृति मन्दिर में भी पुष्प अर्पित किए। प्रतिनिधि सभा में अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि श्रीगुरुजी जी धर्म एवं राष्ट्र सेवा की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने सामान्य जन में अध्यात्म की चेतना जागृत करते हुए उन्हें देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पित करने की प्रेरणा दी।पाञ्चजन्य के प्रेस में छपने जाते-जाते नागपुर से जितनी सामग्री और छायाचित्र प्राप्त कर पाए वे इस अंक में दे रहे हैं। भूल-चूक पाठक क्षमा करें। -सं8
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