गहरे पानी पैठ
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

गहरे पानी पैठ

by
May 3, 2006, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 03 May 2006 00:00:00

इधर मिजाजपुर्सी उधर बमबारी

खबर है कि पाकिस्तान की धरती पर एक गुप्त अमरीकी हवाई हमले में अल कायदा के चार बड़े आतंकवादियों की मौत हो गई है। इससे आतंकवाद के विरुद्ध पाकिस्तान की लड़ाई का सारा ढांचा ही चरमरा गया है। सूत्रों के अनुसार अमरीका ने यह सैनिक कार्रवाई अपनी ही गुप्त सूचना के आधार पर की और इस बारे में उसने पाकिस्तानी सेना की गुप्तचर एजेंसी आई.एस.आई. को भी हवा तक नहीं लगने दी, अन्यथा उसे शक था कि यह एजेंसी आतंकवादियों को चौकन्ना कर देती और वे भागने में सफल हो जाते। पर इससे अमरीका तथा पाकिस्तान के सम्बंधों में खटास पैदा हो गई है। इस्लामाबाद से प्रकाशित “डेली टाइम्स” ने खबर दी है कि इन चार आतंकवादियों की मौत एक अमरीकी प्रक्षेपास्त्र के हमले में हुई। यदि यह सच है तो यह हमला अल कायदा के लिए मौत की घंटी से भी ज्यादा खतरनाक है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि इससे पड़ोसी अफगानिस्तान में आतंकवादी हमलों में कमी आएगी। पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान में आत्मघाती हमलों में काफी वृद्धि हो गई थी। हालांकि इस अमरीकी हमले में अल कायदा का दूसरे नम्बर का नेता अल जवाहिरी बाल-बाल बच गया। ओसामा बिन लादेन के नए टेप के प्रसारण से पता चलता है कि इस आतंकवादी गुट के चोटी के नेता अभी भी जीवित हैं। मरने वाले आतंकवादियों की लाशें तो नहीं मिली हैं, परन्तु पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार इनमें से एक विस्फोटक बनाने में माहिर मिधात मुर्सी अल सईद उमर था। 2001 में तालिबान के पतन से पहले उसने पूर्वी अफगानिस्तान में एक शिविर में सैकड़ों आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया था। दूसरा अल जवाहिरी का जमाई अब्दुल रहमान अल मगरिबी बताया जाता है, जो मोरक्को का रहने वाला है। यह आतंकवादी संगठन के लिए जन सम्पर्क का काम करता था। परन्तु मारा गया सबसे बड़ा आतंकवादी अल कायदा का खालिद हबीब हो सकता है जो अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर अल कायदा की घातक कार्रवाइयों का मुखिया था। पाकिस्तान के अधिकारी उसे 2003 में मुशर्रफ पर हुए हमले का दोषी बताते हैं।

खाते भी हैं, गुर्राते भी हैं

जम्मू-कश्मीर में जहां आतंकवादियों के आतंक से भयभीत परिवार सुरक्षित स्थानों की ओर अभी भी पलायन को मजबूर हैं, वहीं सरकार ने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में बड़ी संख्या में पुलिस व अन्य सुरक्षा बलों को लगा रखा है। एक रपट के अनुसार, 20 प्रमुख अलगाववादी नेताओं को घाटी में सरकार ने सुरक्षाकर्मी और सरकारी वाहन मुहैय्या कराए हैं। पाकिस्तान का निरंतर राग अलापने वाले कुछ अलगाववादियों को तो “जैड” सुरक्षा श्रेणी भी मिली हुई है। सरकारी खजाने की कीमत पर ऐसे नेता गाड़ियों के बड़े काफिले के साथ लगातार भ्रमण करते रहते हैं। एक अनुमान के मुताबिक अलगाववादियों की इस सुरक्षा पर सरकार प्रतिवर्ष दस करोड़ रुपए व्यय कर रही है और इस सारे व्यय की पूर्ति राज्य सरकार को केन्द्र सरकार कर रही है। उल्लेखनीय है कि कुछ अलगाववादी नेता बाकायदा सरकारी पेंशन भी ले रहे हैं क्योंकि वे राज्य विधान सभा के पूर्व सदस्य की श्रेणी में आते हैं। लेकिन इसी के साथ बिना किसी भय के सरकारी सुविधाओं का उपयोग करते हुए भी वे भारत के विरोध में ही स्वर बुलन्द किए हुए हैं।

दूसरी तरफ, सरकार ऐसे अलगाववादी नेताओं के विरुद्ध किसी कार्रवाई की बजाए उनके इस रूप को लोकतंत्र के नाम पर तर्कसंगत करार दे रही है। कुछ राष्ट्रवादी विश्लेषकों के अनुसार, “अलगाववादी नेता कश्मीर में फल-फूल रहे हैं। एक तरफ तो वे सरकारी सुविधाओं का पूरा उपयोग कर रहे हैं, दूसरी ओर भारत के विरुद्ध बोलकर शत्रु देश की सहानुभूति और सहायता भी ले रहे हैं।”

28

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies