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28 मई से चीन की चार दिवसीय यात्रा पर जा रहे रक्षा मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास को बढ़ाने, विस्तृत आपसी प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा दोनों देशों में जवानों की एक-दूसरे देश की यात्राओं पर बल देंगे। आपसी विश्वास बहाली के कदम उठाए जाएंगे। हालांकि दोनों देशों की नौसेनाएं कुछ समय पहले संयुक्त सैन्य अभ्यास कर चुकी हैं लेकिन थल अथवा वायु सेनाओं के बीच अभी तक कोई संयुक्त अभ्यास नहीं हो पाया है। उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच 3,350 कि.मी. लंबी अभिचिन्हित सीमा रेखा है। इस कारण दोनों देश एक-दूसरे पर अपने पर कब्जा करने का आरोप लगाकर 1962 में युद्ध भी लड़ चुके हैं। प्रतिनिधि21
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