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देहरादून (उत्तराञ्चल)
दूसरों के लिए जीना सीखें
-अशोक सिंहल, अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व हिन्दू परिषद्
गत 7 मई को देहरादून में श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि पूज्य श्रीगुरुजी की पहल से ही विश्व हिन्दू परिषद् की स्थापना हुई। आज विश्व हिन्दू परिषद् सेवा तथा संस्कार के क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा संगठन है। उन्होंने कहा कि आज यदि समाज में किसी भाव का अभाव है तो वह सेवा है। लोग केवल अपने बारे में सोचते हैं। हमें दूसरे के लिए जीना सीखना होगा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यही काम करता है। हजारों हजार संघ के प्रचारक यही कार्य कर रहे हैं। श्री सिंहल ने कहा कि जिन्होंने समाज सेवा में जीवन लगाया है, वह चिरंजीवी हो गए हैं।
श्री सिंहल ने वर्तमान राष्ट्रीय परिदृश्य की चर्चा करते हुए कहा कि समाज आज ऐसे लोगों की गिरफ्त में है जो जिहादियों को समर्थन देते हैं। भारत के 170 जनपद माओवाद की चपेट में हैं। ये लोग राष्ट्र का कल्याण नहीं कर सकते। उन्होंने नेपाल की चर्चा करते हुए कहा कि माओवाद ने नेपाल में लोगों का जीना दूभर कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि विकास का रास्ता बंदूक से नहीं पूरा किया जा सकता है। उन्होंने विभाजनकारी इस्लामी मानसिकता की चर्चा करते हुए कहा कि ये ताकतें भारत के एक और विभाजन की तैयारी कर रही हैं। सियाचिन के मुद्दे पर श्री सिंहल ने कहा कि यह क्षेत्र सैन्यविहीन नहीं होना चाहिए अन्यथा भारत के हाथ से चला जाएगा। कार्यक्रम का संचालन विधायक श्री राजेन्द्र पंत ने किया। -रामप्रताप मिश्र
नागपुर में तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग में सरकार्यवाह मोहनराव भागवत ने कहा-
एकात्म-एकरस हिन्दू राष्ट्र का साक्षात्कार करें
गत 9 मई से रेशिमबाग (नागपुर) में तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग चल रहा है। इसमें पूरे भारत से 949 शिक्षार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। एक माह तक चलने वाला यह वर्ग 8 जून को समाप्त होगा। 10 मई को रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह श्री मोहनराव भागवत ने शिक्षार्थियों का मार्गदर्शन किया। श्री भागवत ने कहा कि हमारा यह वर्ग दुनिया की भाषा में प्रशिक्षण वर्ग कहलाता है, परन्तु हमारे लिए यह साधना और तपस्या का वर्ग है। यह हमारा सौभाग्य है कि श्रीगुरुजी के जन्मशताब्दी वर्ष में हम संघ की साधना भूमि पर तृतीय वर्ष का शिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने स्मरण दिलाया कि यही रेशिम बाग हमारे प्रथम तीन परम तेजस्वी सरसंघचालकों की प्रत्यक्ष कर्मस्थली रहा है। इसकी पवित्रता की कल्पना एक स्वयंसेवक अथवा श्रेष्ठ तपस्वी साधु-संत ही कर सकता है। प.पू. डाक्टर हेडगेवार तो इस भूमि पर कुएं के पास झोपड़ी बनाकर रहते थे और संघ की शाखा एवं कार्य का चिन्तन करते थे। यहीं उन्होंने अनेक कार्यकर्ताओं का निर्माण किया था।
श्रीगुरुजी कई बार डाक्टर साहब की पवित्र समाधि के पास बैठकर चिन्तन करते थे। पूज्य बाला साहब का आवास ही यहां था। उनके बारे में श्रीगुरुजी कहा करते थे, “जिन्होंने डाक्टर साहब को नहीं देखा है वे बाला साहब को देखें।” इस माटी के कण-कण में उनकी तपस्या का बल समाया हुआ है। ऐसे पवित्र स्थल पर हम प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आए हैं, यह भावना हमारे भीतर होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “संघ का तृतीय वर्ष प्रशिक्षित स्वयंसेवक तो प्रत्यक्ष संघ का रूप होता है। हम यहां मात्र शारीरिक-बौद्धिक ज्ञान सीखने नहीं आए हैं, बल्कि हमें देश के कोने-कोने से आए स्वयंसेवकों के अन्दर एकात्म, एकरस, हिन्दू राष्ट्र का साक्षात्कार करना है। हम सभी भारत माता के पुत्र हैं। हम “हिन्दव: सोदरा: सर्वे:” की प्रत्यक्ष अनुभूति करेंगे।”
उन्होंने कहा कि पूज्य डाक्टर साहब का जीवन संघमय था। श्रीगुरुजी तो सर्वांग परिपूर्ण थे। वे भारत के लिए जिये, भारत ही उनका ध्येय था। उन्होंने जो कार्य जीवन भर किया वही राष्ट्रभक्ति एवं समाज-भक्ति की प्रखर ज्योति हम अपने ह्मदय मन्दिर में बसाकर साधना कर सकते हैं। बाहरी दुनिया से प्रभावित न होते हुए मानवता का उत्थान करने वाले सम्पूर्ण हिन्दू समाज और राष्ट्र की सेवा प्रामाणिकता, नि:स्वार्थ भाव और तन-मन-धन से करनी है। -प्रतिनिधि
जांजगीर (छत्तीसगढ़)
हिन्दुत्व की विशालता उतनी ही है जितनी बड़ी यह पृथ्वी
-सुरेश जोशी, सह-सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
छत्तीसगढ़ के जांजगीर (चांपा) में गत 30 अप्रैल को श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष पर प्रबुद्ध नागरिकों की गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह श्री सुरेश जोशी उपाख्य भैय्या जी जोशी थे। गोष्ठी की अध्यक्षता जिला संघचालक श्री रामचन्द्र थावाणी ने की। समारोह समिति के संयोजक श्री राकेश दुबे ने गोष्ठी का संचालन किया। इस अवसर पर भैय्या जी जोशी ने कहा, “हिन्दुत्व की विशालता उतनी बड़ी है, जितनी बड़ी यह पृथ्वी है। हिन्दू चिंतन मानता है कि सत्य को सिद्ध करने के लिए संख्या की आवश्यकता नहीं होती। हम सर्वपंथ समभाव की बात करते हैं। एक-दूसरे का आदर करते हैं। हिन्दू समाज की विशेषता यही है कि यह कई प्रकार की धारणाओं को लेकर चलने वाला है, हिन्दुत्व व्यक्ति को समाज सृष्टि व परमेष्ठी की ओर ले जाने का रास्ता दिखाता है।” -प्रतिनिधि
गोण्डा (उत्तर प्रदेश)
मतान्तरण व्यक्ति की पहचान को नष्ट करता है
-इन्द्रेश कुमार, अ.भा.कार्यकारिणी सदस्य, रा.स्व.संघ
गत 9 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के गोण्डा नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी समारोह का उद्घाटन हुआ। समारोह में रा.स्व.संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की समस्या देश को हिंसा की ओर धकेल रही है। आतंकवाद को खत्म करने की आवश्यकता है। आतंकवाद के साथ-साथ अल्पसंख्यकवाद भी समाप्त होना चाहिए, क्योंकि देश की एकता-अखंडता के लिए अल्पसंख्यकवाद खतरनाक है। श्री इन्द्रेश ने कहा कि मतांतरण असंवैधानिक तो है ही, नैतिकता विरोधी भी है। मतांतरण व्यक्ति की पहचान को नष्ट करता है, इसलिए मिशनरियों पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मिशनरियों ने भोले-भाले, अभावग्रस्त वंचित वर्ग को ही मतान्तरण का लक्ष्य बनाया है, इसलिए सम्पूर्ण हिन्दू समाज में इस वर्ग के प्रति सेवाभाव जागृत करना श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष का लक्ष्य है। -प्रतिनिधि
दिल्ली
हिन्दू सम्मेलन सम्पन्न
श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में गत दिनों दिल्ली के लोनी रोड पर एक विशाल हिन्दू सम्मेलन हुआ। कार्यक्रम में सेवा भारती, स्वदेशी जागरण मंच जैसी अनेक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। सम्मेलन का मुख्य आकर्षण भारत विकास परिषद् द्वारा लगाया गया चिकित्सा शिविर रहा, जहां लोगों ने नि:शुल्क नेत्र परीक्षण कराया। चिकित्सा शिविर का उद्घाटन प्रख्यात चिकित्सक डा. विनय अग्रवाल ने किया। सम्मेलन में चित्र एवं कला प्रदर्शनी भी लगी, जिसमें श्रीराम वनगमन स्थलों की प्रदर्शनी विशेष रूप से आकर्षण का केन्द्र रही।
सम्मेलन में हिन्दू मंच की ओर से चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। स्वदेशी जागरण मंच ने भी प्रदर्शनी लगाकर स्वदेशी एवं विदेशी वस्तुओं के बीच के अंतर को लोगों के सामने रखा। सम्मेलन में आए सभी दर्शकों ने दिन में जहां संगीतमय सुन्दरकाण्ड का रसास्वादन किया, वहीं रात्रि में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन ने दर्शकों में जोश भर दिया। कवि सम्मेलन का उद्घाटन अखण्ड हिन्दुस्थान मोर्चा के संस्थापक श्री बी.एल. शर्मा “प्रेम” ने किया, जबकि मंच संचालन श्री गजेन्द्र सोलंकी ने किया। -प्रतिनिधि
पानीपत (हरियाणा)
हिन्दुत्व पूर्ण वैज्ञानिक है
-कांतिमोहन, शिक्षाविद्
श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी समारोह के क्रम में गत 7 मई को पानीपत में “हिन्दुत्व-वैज्ञानिकता एवं प्रासंगिकता” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुख्य वक्ता श्री कांतिमोहन ने कहा कि सहनशीलता, धर्म के दस लक्षण और अमरत्व की गूढ़ समझ के फलस्वरूप हिन्दुओं का अस्तित्व अनेक आक्रमणों व गुलामी के बावजूद भी अक्षुण्ण बना हुआ है जबकि इस दौरान अनेक संस्कृतियां लुप्त हो गईं। उन्होंने कहा कि आधुनिक विज्ञान केवल भौतिक वस्तुओं व पदार्थों तक ही सीमित है जबकि हिन्दुत्व पूर्ण वैज्ञानिक एवं अध्यात्म की उंचाइयों तक ले जाने में समर्थ है। श्री कांतिमोहन ने कहा कि समय की कसौटी पर हिन्दुत्व के खरा उतरने के कारण ही आज विघटनकारी शक्तियां एक षडंत्र के तहत चारों ओर से हमला कर रही हैं। उन्होंने प्रबुद्ध लोगों से ऐसे हमलों से सचेत रहने का आह्वान किया। अध्यक्षीय संबोधन में श्री जे.एन. शर्मा ने कहा कि यह हिन्दुत्व की वैज्ञानिकता का ही प्रभाव है कि अनेक लोगों ने हिन्दू धर्म का गहन अध्ययन किया। लेकिन आज समाज में हिन्दुत्व के प्रति भ्रम फैलाया जा रहा है, उनकी आस्थाओं पर प्रहार किया जा रहा है और हिन्दू प्रतीकों को अश्लीलता में लपेटा जा रहा है। इसके विरुद्ध हिन्दू समाज को जागृत एवं संगठित होने की आवश्यकता है। प्रतिनिधि
रायपुर (छत्तीसगढ़)
नारी शक्ति के जागरण की वेला
गत दिनों छत्तीसगढ़ के रायपुर विभाग के तिल्दा-नेवरा में मातृशक्ति संगम सम्पन्न हुआ। श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित इस संगम की मुख्य अतिथि थीं अखिल भारतीय मातृशक्ति प्रमुख श्रीमती मीनाक्षी ताई पेशवे। मुख्य वक्ता थीं कोटा, राजस्थान की सुप्रसिद्ध साध्वी शिवा सरस्वती जी। प्रात:काल मातृशक्ति द्वारा नगर में निकाली गई शोभायात्रा के बाद दिनभर की चर्चा में एक बात प्रमुखता से उभरकर आयी कि वर्तमान कोलाहल में समाज को उचित मार्ग पर ले जाने का कार्य जागृत व सशक्त नारी ही कर सकती है। यह नारी शक्ति के जागरण की वेला है। -प्रतिनिधि
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