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राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री नानाजी देशमुख की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। यह प्रशंसा उन्होंने गत एक नवम्बर को नई दिल्ली में न्यायमूर्ति सुनन्दा भादरे स्मृति व्याख्यान को सम्बोधित करते हुए की। डा. कलाम ने कहा कि नानाजी ने विवादों को सुलझाने के लिए देश के सामने जो तरीका प्रस्तुत किया है, उसे सभी को अपनाना चाहिए। इसका परिणाम मध्य प्रदेश में चित्रकूट के आसपास स्थित 80 गांवों में देखा जा सकता है, जो आज लगभग विवाद-रहित हैं। इस क्षेत्र के ग्रामीण कोई भी विवाद आपस में ही सर्वसम्मति से सुलझाते हैं। कोई अदालत नहीं जाता। यह नानाजी का ही प्रभाव है कि वहां के ग्रामीण मैत्रीभाव से रहते हैं। डा.कलाम ने कहा कि चित्रकूट में मैंने दीनदयाल शोध संस्थान को देखा है। यह संस्थान अनूठा है और ग्रामीण विकास के लिए इसके द्वारा बनाया गया प्रारुप भारत के अनुकूल है। यह संस्थान विकास कार्यों के साथ-साथ सामंजस्यपूर्ण एवं विवाद-रहित समाज को बढ़ावा देता है। इस प्रारूप को पूरे देश में प्रचारित करना चाहिए। -प्रतिनिधि17
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