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इसे दिल्ली के लोगों द्वारा की जा रही उपेक्षा कहें या सरकारी तंत्र की नाकामी, यमुना नदी में प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। एक तरफ दिल्ली की प्यास बुझाने के लिए टिहरी बांध से सीधे गंगाजल सोनिया विहार संयंत्र तक पहुंचाया जा रहा है वहीं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस संयंत्र के कारण यमुना में प्रदूषण की स्थिति और भयावह होने की आशंका जतायी है। बोर्ड की एक रपट के अनुसार, जहां पिछले वर्ष यमुना में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में 3,300 मिलियन लीटर गन्दा पानी प्रतिदिन गिर रहा था वहीं इस वर्ष 3,600 मिलियन लीटर गन्दा पानी प्रतिदिन गिर रहा है। दिल्ली में 30 सीवर नियंत्रक संयंत्र हैं और सभी अपनी पूरी क्षमता से काम करने के बावजूद प्रतिदिन केवल 1,378 मिलियन लीटर गन्दे पानी को ही साफ कर पाते हैं। जाहिर है, यमुना में गन्दगी बढ़ रही है। उल्लेखनीय बात यह है कि यमुनोत्री से प्रयाग तक यमुना नदी के 1374 किमी. के प्रवाह में दिल्ली ही एक ऐसा स्थान है जहां यमुना लगभग दम तोड़ देती हैं। दिल्ली में यमुना में आक्सीजन की मात्रा अनेक स्थानों पर शून्य आंकी गयी है। और यह तब भी है जबकि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद यमुना की सफाई पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।10
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