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सूरजभानसमरसता के लिए समर्पित जीवनराष्ट्रीय अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता श्री सूरजभान का गत 6 अगस्त को नई दिल्ली में हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। 78 वर्षीय श्री सूरजभान को दो दिन पहले ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। उनके कुछ अंगों ने काम करना बंद कर दिया था तथा उन्हें श्वांस की भी तकलीफ थी। स्व. सूरजभान जातिवाद के विरुद्ध सतत् संघर्षरत रहे। पिछड़े वर्गों के उत्थान और विकास की उन्हें हमेशा चिंता रहती थी और इस दृष्टि से उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। अम्बाला लोकसभा क्षेत्र से चार बार सांसद रहे श्री सूरजभान 1996 में 13 दिन की वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री बनाए गए थे। सरकार गिरने के बाद वे 11वीं लोकसभा के उपाध्यक्ष बनाए गए। 1998 में वे फिर लोकसभा चुनाव लड़े, पर जीत नहीं पाए। उन्हें पहले उत्तर प्रदेश और फिर बिहार एवं हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का दायित्व सौंपा गया। एक प्रतिबद्ध कार्यकर्ता के रूप में 1967 में ही श्री सूरजभान जनसंघ से जुड़े थे। वे अनुसूचित जाति व जनजाति मामलों से जुड़ी अनेक समितियों के सदस्य रहे। 24 जनवरी, 2004 को उन्हें राष्ट्रीय अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।7 अगस्त की सुबह स्व. सूरजभान की पार्थिव देह अंतिम दर्शनार्थ भाजपा मुख्यालय लाई गई, जहां भाजपा अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद उनकी पार्थिव देह को अम्बाला स्थित उनके पैतृक गांव ले जाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार सम्पन्न हुआ। प्रतिनिधि20
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