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-दिल्ली ब्यूरोवन्दे मातरम् गाने से मेरा इस्लाम खतरे में नहीं पड़ता-शबनम शेख, अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालयवन्दे मातरम् हमारा राष्ट्रीय गीत है। सन् 1906 में जब बंगाल का विभाजन हुआ तब यह गीत सभी के ध्यान में आया था। वन्दे मातरम् से सभी हिन्दुस्थानियों का जुड़ाव
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