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सिन्धु तीरे सिन्धु भक्तसिन्धु तीर्थयात्रियों को इस वर्ष पूर्व केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी ने शुभकामनाएं दीं। नई दिल्ली स्थित अपने निवास पर गत 22 जून को आयोजित एक समारोह में उन्होंने सिन्धु यात्रियों को रुद्राक्ष की माला एवं अंग वस्त्र पहनाकर विदा किया। इस अवसर पर रा.स्व.संघ की अ.भा. कार्यकारिणी के सदस्य तथा सिंध व सिंधु दर्शन यात्रा समिति के संरक्षक श्री इन्द्रेश कुमार, धर्म यात्रा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मांगेराम गर्ग, शदाणी दरबार के प्रमुख संत साईं युधिष्ठिर लाल जी तथा दिल्ली के प्रसिद्ध समाजसेवी श्री सुभाष अग्रवाल (एक्शन शूज) ने भी तीर्थयात्रियों को विदाई दी। श्री इन्द्रेश कुमार, श्री मांगेराम गर्ग, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री जगदीश मुखी सहित अनेक भाजपा विधायक तथा कार्यकर्ताओं के अलावा शदाणी दरबार के 30 कार्यकर्ता तथा देशभर के लगभग 100 तीर्थयात्रियों को डा. जोशी द्वारा विदा किया गया। ये सभी तीर्थयात्री 23 जून को विमान से लेह गए जहां 24-26 जून तक तीन दिवसीय सिंधु दर्शन उत्सव आयोजित किया गया है।उधर जम्मू में 21 जून को 250 सिन्धु यात्रियों के पहले जत्थे को भी एक समारोह में विदाई दी गई। ये सिन्धु यात्री बसों द्वारा श्रीनगर और कारगिल के दुर्गम मार्ग से लेह तक की यात्रा कर सिन्धु दर्शन उत्सव में सहभागी होंगे। विदाई कार्यक्रम में श्री इन्द्रेश कुमार ने कहा कि सिन्धु दर्शन उत्सव के इस नए चुनौतिपूर्ण और रोमांचक मार्ग से जो यात्रा कर रहे हैं वह वास्तव में साहसिक निर्णय है। सिन्धु दर्शन का केवल सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व ही नहीं है बल्कि यह यात्रा राष्ट्रीय एकता और अखण्डता की प्रतीक है। पिछले 8-10 वर्षों में लद्दाख जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है और इससे लद्दाख तथा शेष भारत के बीच जीवंत सम्पर्क स्थापित हुआ है। श्री इन्द्रेश कुमार ने वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकारों का आह्वान किया कि वे राजनीतिक राग-द्वेष से ऊपर उठकर इस राष्ट्रीय एकता यात्रा के यात्रियों की सुविधाओं एवं सुरक्षा की व्यवस्था कर अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करें।डा. मुरली मनोहर जोशी ने इस अवसर पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि भविष्य में इस मार्ग से होकर पवित्र कैलास-मानसरोवर की यात्रा भी सम्पन्न होगी। प्रतिनिधि14
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