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इस स्तम्भ में दम्पत्ति अपने विवाह की वर्षगांठ पर 50 शब्दों में परस्पर बधाई संदेश दे सकते हैं। इसके साथ 200 शब्दों में विवाह से सम्बंधित कोई गुदगुदाने वाला प्रसंग भी लिखकर भेज सकते हैं। प्रकाशनार्थ स्वीकृत प्रसंग पर 200 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
कठिन डगर की साथी
अपनी धर्मपत्नी श्रीमती शकुन्तला तिवाड़ी के साथ श्री उमेश कुमार तिवाड़ी
प्रिये,
प्रकृति जब नव-पल्लवों, कुसुमों से श्रृंगार कर जीवन्त हो उठती है, ऐसे उल्लासमय वासंती वातावरण में 9फरवरी, 1953 को तुम्हारा अवतरण मेरे जीवन में हुआ था। और अभी हमने वैवाहिक जीवन का 54वां वसन्त मनाया है।
जिन्दगी को पीछे मुड़कर देखने का जब भी मुझे वक्त मिला तो हर मोड़ पर तुम अटल विश्वास के साथ परस्पर सहयोग व प्रेरणा लिए मेरे साथ खड़ी दिखीं। गृहस्थाश्रम की कठिनाइयों के बीच हर प्रकार के सुख-दु:ख को सहते हुए अडिग रहकर संयुक्त परिवार को स्नेह व सेवा की डोर से बांध कर जिस कत्र्तव्यपालन व स्वयंस्फूर्त अनुशासन का परिचय तुमने दिया, वह प्रेरक है। गहन अस्थमा रोग से पीड़ित रहते हुए भी तुमने लकवाग्रस्त मेरी मां की 8 वर्ष तक अनवरत सेवा कर गृहलक्ष्मी का दायित्व निभाया, उससे मैं अभिभूत हूं। हालांकि परिवार एवं राजकीय सेवा की व्यस्तताओं के कारण तुम्हारे प्रति अपने दायित्वों को निभाने में मैं पूर्ण न्याय नहीं कर सका, इसका मुझे अहसास है, परन्तु तुमने इसको भी बिना किसी शिकायत के सहज-भाव से स्वीकार कर अपनी उदारता एवं सहनशीलता प्रकट की है।
तुम्हारी जैसी सहधर्मिणी का साहचर्य पाकर ही मैं जिन्दगी के कठोरतम थपेड़ों को झेल सका हूं तथा चाहता हूं यह सान्निध्य, साहचर्य व प्यार निरन्तर मिलता रहे। इसी कामना के साथ
तुम्हारा
उमेश कुमार तिवाड़ी,
नृसिंह मार्ग, वार्ड नं. 20 पो., खण्डेला
जि. सीकर (राजस्थान)-332702
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