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अपनी बौद्धिक प्रखरता के बल पर दुनिया में चमकेंगे
“वैश्वीकरण से भयभीत होने की कोई जरूरत नहीं है। वैश्वीकरण के पहले दौर में विकसित राष्ट्रों ने दुनिया को प्रभावित किया। दूसरे दौर में दुनिया को अब एशिया महाद्वीप अर्थात् भारत प्रभावित करेगा। इसमें संदेह नहीं है कि भारत जल्दी ही अपने बौद्धिक ज्ञान के बल पर दुनिया में प्रभावी होगा। भारत की वैदिक संस्कृति तथा आध्यात्मिक संस्कृति का सारी दुनिया में प्रसार होगा। भारत अपने ज्ञान-विज्ञान के आधार पर महाशक्ति के रूप में उभरेगा, इसमें कोई शक नहीं है।” यह कहना था भारत के सुपर कम्प्यूटर के जनक एवं सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक डा. विजय भाटकर का। वे गत दिनों सांगली (महाराष्ट्र) में वरिष्ठ पत्रकार स्व. बापूराव लेले स्मृति व्याख्यानमाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में बोल रहे थे। स्थानीय विष्णुदास भावे नाट्यमन्दिर में यह कार्यक्रम स्व. बापूराव जी की प्रेरणा से दिल्ली में स्थापित राष्ट्रीय पत्रकारिता कल्याण न्यास की ओर से आयोजित किया गया था।
इस अवसर पर राष्ट्रीय पत्रकारिता कल्याण न्यास की ओर से वरिष्ठ पत्रकारों को विभिन्न पुरस्कार दिए गए। तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ (पुणे) के कुलपति डा. दीपक तिलक ने वरिष्ठ पत्रकारों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। स्व. बापूराव लेले पत्रकारिता पुरस्कार दैनिक तरुण भारत (पुणे) के पूर्व संपादक श्री च.प. भिशीकर को, स्व. दादा साहेब आपटे छायाचित्रकार पुरस्कार नागपुर के विख्यात छायाचित्रकार श्री जयंत हरकरे को एवं महिला पत्रकारिता पुरस्कार दैनिक लोकसत्ता (मुम्बई) की सहसंपादिका श्रीमती शुभदा चौकर को प्रदान किया गया।
इस अवसर पर पुरस्कार समिति के अध्यक्ष श्री बापूसाहेब पुजारी, राष्ट्रीय पत्रकारिता कल्याण न्यास के अध्यक्ष श्री एन.एम.घटाटे, न्यास के मार्गदर्शक तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री श्रीकांत जोशी, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति श्री अच्युतानंद मिश्र, कुशाभाऊ ठाकरे जनसंचार तथा पत्रकारिता विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति श्री सच्चिदानंद जोशी, हिन्दुस्थान समाचार (मुम्बई) के श्री माधव गांगुर्डे आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रतिनिधि
(कार्यक्रम का समाचार एवं सूचना हमें सितम्बर के तीसरे सप्ताह में मिली है। अत: यह विलम्ब से प्रकाशित किया जा रहा है। सं.)
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