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स्वाभिमानी और सक्रिय हिन्दू बनेंडा.शरद कुंटेराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक पूज्य श्री गुरूजी के जन्मशताब्दी वर्ष में विश्व हिन्दू परिषद ने देशभर में हिन्दू सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है। इस क्रम में पहला सम्मेलन गत 4 दिसम्बर को पंढरपुर में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन क्षेत्र के प्रतिष्ठित भोंसले परिवार की सौ.चंद्रलेखाराजे भोंसले (सतारा) ने किया। उन्होंने सभी तरह के मतभेद समाज की एकजुटता का आह्वान किया। अपने वक्तव्य में विश्व हिन्दू परिषद् के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण ही बहुसंख्यक होते हुए भी हिन्दुओं की आस्था पर लगातार प्रहार किए जा रहे हैं। सुप्रसिद्ध संत आचार्य किशोर व्यास ने जिहाद, मतांतरण, आतंकवाद के साथ ही निष्क्रिय तथा स्वाभिमान- शून्य हिन्दुओं को समाज का शत्रु बताया। इस सम्मेलन में 50 हजार से अधिक लोग सम्मिलित हुए। सम्मेलन में आयोजित धर्म सभा में गोरक्षा, समान नागरिक संहिता, सामाजिक समरसता, हिन्दू मंदिरों का अधिग्रहण तथा जनसंख्या असंतुलन से संबंधित कुल पांच प्रस्ताव पारित किए गए। जिन पर करवीर पीठ के शंकराचार्य श्री विद्याशंकर जी महाराज, विवेकानंद महाराज वासकर, बालयोगी ओतुरकर महाराज, स्वामी भास्कर गिरि महाराज, स्वामी सागरानंद जी महाराज, दादा मनमाडकर महाराज, फरशी वाले बाबा, मुकुंद काका जाटदेवलेकर तथा गुरू कीरत सिंह जी ने विचार प्रकट किए और उपस्थित जनसमूह ने प्रस्तावों का समर्थन किया। मातृ सम्मेलन में शोषण मुक्त महिला, कन्या भ्रूणहत्या, आदर्श हिन्दू घर आदि विषयों पर चर्चा हुई। समापन सत्र को विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री डा. प्रवीण भाई तोगड़िया ने संबोधित किया। इस सम्मेलन में महाराष्ट्र से सभी पंथों के आचार्य, सुप्रसिद्ध कथाकार, रामानंदी, बारकरी, लिंगायत तथा सिख संतों, महात्माओं की एकजुट उपस्थिति देखकर जन-समुदाय भाव-विभोर हो गया।डा.शरद कुंटे28
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