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मूल इकाई को मजबूत बनाने की जोरदार कोशिशविश्व संवाद केन्द्र (गुजरात)गत 11 दिसम्बर से 15 दिसम्बर, 2005 तक गांधीनगर में गुजरात किसान संघ का किसान महोत्सव सम्पन्न हुआ। “ग्रामोत्थान से राष्ट्रोत्थान” और “सम्पूर्ण स्वावलंबी ग्राम” की प्रेरणा के साथ इस किसान महोत्सव का आयोजन किया गया था।भारतीय किसान संघ का यह रजत जयंती वर्ष है। गुजरात किसान संघ ने इस रजत जयंती वर्ष को अपने प्रान्तीय कार्यालय “बलराम परिसर” के उद्घाटन और कृषकों के आराध्य देव भगवान बलराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ मनाने का संकल्प किया था। इस महोत्सव का उद्देश्य था गांव-गांव में जनजागृति लाकर प्रत्येक गांव को सम्पूर्ण स्वावलंबी बनाना। इस जनजागृति हेतु 21 नवम्बर, 2005 से 11 दिसम्बर, 2005 तक गुजरात के प्रमुख तीर्थ स्थानों, द्वारिका, सोमनाथ, कोटेश्वर, पावागढ़, अंबाजी, शबरीधाम (डांग) से 6 मुख्य जनजागृति यात्राएं तथा 125 उपयात्रायें निकाली गईं। वे सभी यात्रायें 11 दिसम्बर, 2005 को गांधीनगर पहुंचीं जहां प्रात: 8.30 बजे उनका भव्य स्वागत किया गया और उन्हें बलराम परिसर ले जाया गया।11 दिसम्बर को ही प्रात: 9 बजे विशाल बलराम कृषि मेले का उद्घाटन लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता और गांधीनगर के सांसद श्री लालकृष्ण आडवाणी ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी उपस्थित थे। इस कृषि मेले में सुजलाम् सुफलाम् योजना, कल्पसर योजना, नर्मदा सरदार सरोवर, नर्मदा नहर, जल संचयन, उपग्रह से कृषि सम्बंधी जानकारी देने वाला उपकरण, सम्पूर्ण स्वावलंबी बलराम ग्राम, जैविक कृषि, कृषि संशोधन संयंत्र बनाने वाली कम्पनियों आदि के 700 मण्डप लगाए गये थे। कई एकड़ क्षेत्र में फैले इस कृषि मेले में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। इसी दिन शाम को एक सार्वजनिक सभा का आयोजन किया गया। श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संकटा प्रसाद सिंह ठाकुर एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री बाबा साहब तकवाले ने सभा को सम्बोधित किया।श्री आडवाणी ने गुजरात के सम्पूर्ण गोवध प्रतिबंध अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय की चर्चा करते हुए कहा कि गो संवर्धन और कृषि से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को इसे पढ़ना चाहिए। भाजपा शासित पांच राज्यों के साथ अन्य राज्यों में भी यह कानून पारित होना चाहिए।बलराम कृषि मेले में सम्पूर्ण स्वावलंबी ग्राम की परिकल्पना प्रस्तुत की गई, जिसके सूत्र हैं: सामाजिक समरसता और परिवार भावना, गांव से निरक्षरता, अंधविश्वास, व्यसन और कुरीति का उन्मूलन, वृक्षारोपण और पर्यावरण की रक्षा, गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में, एक-एक बूंद का उपयोग, पूर्णत: सजीव खेती का अनुसरण और प्रत्येक किसान परिवार द्वारा गो पालन। इस सम्पूर्ण स्वावलंबी गांव में तटबंध, बाजार, अस्पताल, पुस्तकालय, पंचायत घर, विद्यालय, जलस्रोत आदि का निर्माण होगा। इस अवसर पर छारोड़ी गुरुकुल की दुर्लभ गीर गाय का पूजन किया गया और राजकोट के उद्योगपति धीरूभाई रामाणी ने 12,51,000 रुपए में वह गाय खरीदी। उक्त राशि छारोड़ी गुरुकुल ने बलराम मंदिर परिसर को दान की।12 दिसम्बर को किसान सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संकटा प्रसाद सिंह ठाकुर, डा. कुंवरजीभाई जाधव, पूर्व केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री श्री सोमपाल शास्त्री, श्री राजीव दीक्षित आदि महानुभावों ने किसानों का मार्गदर्शन किया । इस अवसर पर शहीद किसानों, आदर्श ग्राम, कृषि संशोधक, कृषि वैज्ञानिकों आदि का सम्मान किया गया। गुजरात किसान संघ की वेबसाइट का शुभारंभ हुआ। इसी अवसर पर “बलभद्र किसान गीता” पुस्तिका तथा “कृषिमित् कृषस्व” स्मारिका का विमोचन किया गया।13 दिसम्बर को “ऋषि-कृषि संस्कृति संगम” का आयोजन किया गया। इस ऋषि कृषि सम्मेलन में सभी पंथों-संप्रदायों के संतों, धर्माचार्यों ने मानवधर्म और परिवार धर्म पालन का संदेश दिया। इस अवसर पर गायत्री परिवार के डा. प्रणव पंडा, ब्राहृकुमारी की पूज्य सरला दीदी, कथाकार श्री रमेशभाई ओझा, शिवानंद आश्रम के स्वामी अध्यात्मानंद जी जैसे संतों, धर्माचार्यों ने अपना आशीर्वाद और प्रेरणा दी। इसी दिन 108 कुंडी “विश्व किसान कल्याण यज्ञ” का आयोजन किया गया। इस यज्ञ में गुजरात की 225 तहसीलों से आए किसान दंपतियों ने आहुति दी। समग्र कल्याण यज्ञ का संचालन अखिल विश्व गायत्री परिवार, हरिद्वार द्वारा किया गया।14 दिसम्बर को प्रात: सर्वजातीय सामूहिक विवाह तथा दोपहर को महिला सम्मेलन का आयोजन था। सामूहिक विवाह समारोह में 51 युगल वैवाहिक सूत्र में बंधे। इन दंपतियों में दो मुस्लिम भी थे जिनमें से एक ने हिन्दू पद्धति के अनुसार विवाह किया। उद्योगपति श्री धीरूभाई रामाणी ने कन्यादान कर सभी नवदंपतियों को आशीष दिया। मुम्बई के हीरा व्यवसायी मित्र मंडल के नानजीभाई वालाणी, श्री भीमजीभाई वुढणावाला तथा श्री सी.पी. वालाणी ने सभी विवाहित युगलों को भेंट अर्पित की। दोपहर को हजारों की संख्या में उपस्थित महिलाओं को शैलबाला दीदी, गीता बहन, राज्य की शिक्षा मंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल, सुश्री इन्दुमति काटदरे (विद्या भारती), श्रीमती प्रमिलाताई मेढ़े (राष्ट्र सेविका समिति) तथा श्रीमती सुमंगला (भारतीय किसान संघ) ने संबोधित किया।किसान सम्मेलन के अंतिम दिन भारतीय किसान संघ, गुजरात के नवनिर्मित प्रांतीय कार्यालय व बलराम मंदिर का लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों सम्पन्न हुआ। भारतीय किसान संघ, गुजरात के नवनिर्मित प्रान्तीय कार्यालय बलराम परिसर में छोटे-बड़े 27 कक्ष हैं। उल्लेखनीय है कि गुजरात किसान संघ की राज्य के सभी 25 जिलों और 150 तहसीलों में इकाइयां हैं, जिनमें 24 लाख सदस्य हैं।विश्व संवाद केन्द्र (गुजरात)23
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