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कश्मीर सौंप देने की नीति पर काम हो रहा है
– चमनलाल गुप्ता
पूर्व केन्द्रीय मंत्री
डल झील
कांग्रेसनीत सरकार की कश्मीर नीति पर आपका क्या कहना है?
कांग्रेस की बदौलत ही कश्मीर समस्या आज तक उलझी हुई है। वाजपेयी सरकार ने पाकिस्तान से बातचीत का रास्ता इस शर्त पर खोला था कि पहले आतंकवाद बंद होना चाहिए। पाकिस्तान ने सारे आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन आज जनरल मुशर्रफ कहते हैं कि आतंकवाद भी चल सकता है, लेकिन साथ-साथ शांति प्रक्रिया भी चल सकती है। आज भारत सरकार की नीति लगभग समर्पण की नीति है। कश्मीर को सौंप देने की बात हो रही है। अमरीका पूरी मुस्तैदी के साथ इस कोशिश में है कि कश्मीर घाटी को जल्दी से स्वयात्तता मिल जाए। अमरीका अपने हाथ मजबूत करके अपनी दखल बढ़ाना चाहता है। प्रदेश के जितने अराष्ट्रीय तत्व हैं, हुर्रियत आदि सब एक ही भाषा बोल रहे हैं। अमरीकी दूतावास में पिछले दिनों हुई बैठक में सरकार के प्रतिनिधि वजाहत हबीबुल्ला शामिल हुए। इनके अलावा आतंकवादी गुट उसमें भाग ले रहे थे। सबने कहा कि वे “सेल्फ रूल” चाहते हैं। क्या मतलब है इसका। “सेल्फ रूल” तो पाकिस्तान में चाहिए। हमें 1994 के संसद के प्रस्ताव के साथ मजबूती से खड़े रहना है। हमें तो पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीरी भाग को खाली कराने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा कोई समस्या नहीं है।
पीडीपी- कांग्रेस सरकार ने कश्मीर में अब तक जो कदम उठाए, उनसे आतंकवाद बढ़ा या घटा?
मुफ्ती सरकार ने शुरू से ही समर्पण की नीति अपनाई, आतंकवादियों के पुनर्वसन की बात की। अजीब बात है, लोगों की हत्या करने वाले के पुनर्वसन की बात की जाती है और जो निर्दोष मारे गए, उनके बेसहारा हुए परिवारों को कोई पूछने वाला नहीं है। मुफ्ती सरकार आतंकवादियों की सांठ-गांठ से चल रही थी। उस सरकार की नीतियां भी आतंकवादियों का हौसला बढ़ाने वाली थीं। अब गुलाम नबी सरकार भी लगभग इसी तरह का व्यवहार कर रही है। कोई फर्क नहीं दिखा है। भूकम्प के बाद पैसा देना तो दूर जम्मू क्षेत्र में पीड़ितों का सर्वेक्षण तक नहीं किया गया। जबकि घाटी में और पाकिस्तानी इलाकों में राहत सामग्री भेजी जा रही है। इसमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन जम्मू की तरफ भी देखना चाहिए।
उधर परवेज मुशर्रफ और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं की भाषा में कोई फर्क नहीं दिख रहा है। फारुख अब्दुल्ला ने तो कहा भी है कि जो मुशर्रफ कहते हैं वही तो नेशनल कांफ्रेंस चाहती थी।
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