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हरियाणा के मेवात क्षेत्र मेंकट्टरपंथियों ने की तीन सिखों की हत्याकार्बी आंग्लांग से आया जनजातीय प्रतिनिधिमण्डलहरियाणा के मेव मुसलमान बहुल क्षेत्र मेवात में लम्बे समय से जिहादियों का आतंक छाया हुआ है। यहां के कट्टरपंथी न केवल गायों की तस्करी तथा अन्य अपराधों में लिप्त हैं, बल्कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. के जासूसों को भी शरण देते हैं। इन राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को जारी रखने के लिए ये कट्टरवादी हिन्दू समाज को डरा-धमकाकर अन्यत्र चले जाने को मजबूर करते हैं। विरोध करने वालों की दिन-दहाड़े हत्या कर दी जाती है। गत 24 नवम्बर को मूसाखेड़ा गांव के सरदार बिरजू सिंह और उनके दो भाइयों की हत्या इसी कारण से की गई। किशनगढ़ पंचायत समिति के गांव मूसाखेड़ा में मेव मुस्लिम बहुसंख्यक हैं तथा कट्टरपंथियों के प्रभाव में हैं। सरदार बिरजू सिंह कुछ समय पहले तक गांव के सरपंच थे। जिहादियों के आतंक का उन्होंने डटकर सामना किया। गांव की श्मशान भूमि पर गैरकानूनी रूप से बने जिहादियों के चबूतरों, दुकानों आदि को उन्होंने तुड़वा दिया। गायों की तस्करी व अन्य अपराधों पर भी उन्होंने रोक लगवा दी। इसीलिए वे मेवों की राह का रोड़ा समझे जाते थे। लम्बे समय से कट्टरपंथी उनकी हत्या की साजिश रच रहे थे।सूत्रों के अनुसार 24 नवम्बर की शाम सरदार बिरजू सिंह के पास खबर भिजवाई गई कि गांव की मोक्षभूमि के पास बच्चों में झगड़ा हो रहा है। वह तुरंत घर से निकल पड़े। रास्ते में एक मस्जिद के पास लगभग पचास-साठ लोग उन पर तलवार लेकर टूट पड़े। बिरजू सिंह घर की ओर भागे और घायलावस्था में ही घर पहुंचे। फिर भी उनकी जान नहीं बची। जिहादियों ने उन्हें बचाने आईं उनकी मां और बहन को भी नहीं बख्शा। उन्हें भी जख्मी किया। जिहादियों ने उनके भाई प्रीतम सिंह तथा दर्शन सिंह को भी अपनी पाशविकता का शिकार बनाया। इस घटना में घायल पांच अन्य लोग जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती हैं।उक्त घटना से पूरे जिले में रोष है। विरोधस्वरूप 27 नवम्बर को किशनगढ़ तथा खैरथल में जनता ने दुकानें, शिक्षण संस्थान व अन्य प्रतिष्ठानों को बन्द रखा। 28 नवम्बर को अलवर में भी जिहादियों की गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग को लेकर हड़ताल की गई।(वि.सं.के. जयपुर)NEWS
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