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नागा गुटों में मनभेदएक ओर एन.एस.सी.एन. (आई.एम.) नागा बहुल क्षेत्रों को जोड़कर वृहत् नागालैण्ड की मांग कर रहा है, वहीं एन.एस.सी.एन. (खापलांग) ने संप्रभुता से कम कुछ भी स्वीकारने से इनकार किया है। खापलांग गुट के इस पैंतरे से केन्द्र के साथ जारी नागा वार्ता में एक नया आयाम पैदा हो गया है। खापलांग गुट ने आई.एम. गुट पर आरोप लगाया है कि पिछले पांच दशक से जिस संप्रभुता के मुद्दे पर नागा संघर्ष करते आ रहे हैं उसे आई.एम. गुट नागालिम की महज प्रशासनिक समस्या कहकर कमतर कर रहा है। खापलांग गुट के “वित्त मंत्री” कुशलु मुलातोनू ने साफ कहा है कि नागाबहुल क्षेत्रों को जोड़ना मात्र ही नागाओं की प्राथमिकता नहीं थी। नागा पहले भी और आज भी संप्रभुता की मांग करते आ रहे हैं। खापलांग गुट के इस सख्त रवैए ने आई.एम. गुट के लिए ऐसे में खासी समस्या खड़ी कर दी है जब वह दिल्ली से वार्ता करके नागाओं के लिए कोई रास्ता निकालने की कोशिश में है। इधर नागाओं के साथ केन्द्र की ओर से वार्ताकार नागालैण्ड के मुख्यमंत्री नीफ्यू रियो और केन्द्रीय मंत्री आस्कर फर्नांडीज जानते हैं कि आई.एम. गुट की असफलता इसके विरोधी गुट खापलांग को मजबूती प्रदान कर सकती है। यही कारण था कि पिछले दिनों आस्कर ने दो बार अपने घर पर मुइवा के साथ भोजन पर बातचीत की थी। बताया जाता है कि इधर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नागा शांति वार्ता का ब्यौरा जानने के बाद आस्कर को कहा है कि अगर केन्द्र नागा समस्या को सुलझाने में नाकाम रहता है तो फिर दिल्ली के लिए उत्तर-पूर्व के उल्फा सहित अन्य आतंकवादी गुटों के साथ बातचीत करना मुश्किल हो जाएगा। केन्द्र 31 जुलाई को खत्म हो रहे संघर्षविराम को आगे बढ़ाने का मन बना चुका है।दाऊद की बेटी की शादी से खुली पोलदाऊद इब्राहिम की बेटी और पाकिस्तान के मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी जावेद मियांदाद के बेटे की जल्द ही शादी होने की खबर है। इससे दाऊद की पाकिस्तान में मौजूदगी को लेकर राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा पूर्व में दिए गए बयानों की कलई खुल गई है। अब मुशर्रफ सांसत में हैं कि अगर उन्हें इस शादी में आने का न्योता दिया गया तो वह क्या करेंगे। उल्लेखनीय है कि मुशर्रफ कई बार कह चुके हैं कि माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में नहीं है और न ही उसका पाकिस्तान से कोई संबध है। पूर्ववर्ती राजग सरकार ने पाकिस्तान को ऐसे 20 कुख्यात आतंकवादियों की सूची सौंपी थी जो पाकिस्तान में शरण लिए हुए हैं। इसके जवाब में पाकिस्तान के जनरल ने सफाई दी थी कि ये अपराधी पाकिस्तान में नहीं हैं। जबकि यह बात जगजाहिर हो चुकी है कि मुम्बई बम धमाकों के बाद से दाऊद ने पाकिस्तान में शरण ले रखी है और वह वहीं से अपने माफिया तंत्र का संचालन करता है।हाल ही में दाऊद इब्राहिम के अल कायदा से भी संबंधों का खुलासा हुआ। वह कभी कराची तो कभी लाहौर, लगातार अपना अड्डा बदलता रहता है। भारत द्वारा पाकिस्तान को सौंपी गई आतंकवादियों की सूची में पहला नाम मौलाना मसूद अजहर है, जो आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है। मसूद अजहर इस समय पाकिस्तान में बहावलपुर से अपनी गतिविधियां चलाता है। यह 13 दिसम्बर, 2001 को भारतीय संसद पर हुए हमले का मुख्य अपराधी है। इस सूची में और भी कई बड़े नाम हैं, जिनमें मुम्बई बम धमाकों में दाऊद के सहयोगी छोटा शकील, टाइगर मेमन, अयूब मेमन और अब्दुल रज्जाक शामिल हैं। इसी प्रकार हिजबुल मुजाहिद्दीन का सैयद सलाहुद्दीन भी इस सूची में है।पंजाब में आतंकवाद फैलाने वाले बब्बर खालसा इंटरनेशनल के कई आतंकवादी भी इस सूची में शामिल हैं। इनमें वधावन सिंह बब्बर, रंजीत सिंह नीता, परमजीत सिंह पंजवड़, लखवीर सिंह रोड़े और गजेन्द्र सिंह शामिल हैं। गजेन्द्र सिंह पर 1981 में इंडियन एयरलाइंस की दिल्ली-श्रीनगर उड़ान का अपहरण करने का आरोप है। बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान कंमाडो फोर्स के ये पांचों आतंकवादी लाहौर में रहकर पंजाब में दोबारा आतंकवादी गतिविधियां चलाने की फिराक में लगे हुए हैं।NEWS
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