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सहायता हेतु प्रार्थना19वीं शताब्दी में गरीबी, अज्ञान और पीड़ा से भारतीय लोगों को मुक्ति दिलाने की स्वामी विवेकानंद की इच्छा ने चेन्नै (तत्कालीन मद्रास) में मूर्त रूप धारण किया। काम कठिन था। अनाथ और गरीब बच्चों की सहायता के लिए 1905 में रामकृष्ण मठ का छात्रावास खोला गया। गुरुकुल पद्धति पर चलने वाले इस छात्रावास में गरीब विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क भोजन, आवास और शिक्षा की व्यवस्था है। फरवरी, 2005 में रामकृष्ण मठ छात्रावास सौ वर्ष पूरे कर रहा है। इस उपलक्ष्य में 20 लाख रु. की लागत से छात्रावास के मेडिकल वार्ड का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा कई कल्याणकारी योजनाएं पूरी की जाएंगी, जिनमें करोड़ों रुपए का खर्च होगा। इन परियोजनाओं की पूर्ति के लिए आपके आर्थिक सहयोग की जरूरत है। इस काम के लिए दी गई राशि पर 1961 के आयकर की धारा 35ए.सी. के तहत 100 प्रतिशत की छूट मिलेगी।”रामकृष्ण मिशन स्टूडेंटस होम-बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स” के नाम से कृपया अपनी सहायता राशि इस पते पर भेजें-“द सेक्रेटरी, रामकृष्ण मिशन स्टूडेंट्स होम, 66, सिवसामी सलाई, माइलापुर, चेन्नै-600004″NEWS
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