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हर पखवाड़े स्त्रियों का अपना स्तम्भतुम्हें याद है न?मंगलम्, शुभ मंगलम्इस स्तम्भ में दम्पत्ति अपन विवाह की वर्षगांठ पर 50 शब्दों में परस्पर बधाई संदेश दे सकते हैं। इसके साथ 200 शब्दों में विवाह से सम्बंधित कोई गुदगुदाने वाला प्रसंग भी लिखकर भेज सकते हैं। प्रकाशनार्थ स्वीकृत प्रसंग पर 200 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।प्रिय भारती,15 मई को शादी की चौदहवीं साल गिरह पर बधाई!प्यार और तकरार में ये चौदह साल कैसे कट गए, पता ही नहीं चला। वायुसेना में मेरी नौकरी के इतने अधिक उतार-चढ़ावों वाली जिंदगी में हंसते हुए तुमने मेरा साथ निभाया, सुख-दुख बांटा और सही मायनों में “अद्र्धांगिनी” शब्द को चरितार्थ किया। “युगल-लोक नृत्य” के माध्यम से पति-पत्नी के सामंजस्य का संदेश जन-जन तक पहुंचाने में तुमने मेरी मदद की।एक कार्यक्रम में साथ-साथ श्रीमती भारती और रामचंद्र देवागनप्यार और तकरार तो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। याद है दिल्ली रेलवे स्टेशन की वो घटना? रात के दस बज गए थे, लुधियाना जाने वाली ट्रेन हम पकड़ नहीं पाए थे। रात को वहीं रुकना पड़ा। तुम वैसे भी नाराज थीं और किसी होटल में रुकने की जिद करने लगीं। तंग जेब की मजबूरी के कारण मैंने सैनिक विश्रामालय में रुकने का निर्णय लिया। मुंह फुलाकर तुम रूठ गर्इं। मैंने समझाया कि घर के बाहर पति-पत्नी का झगड़ना उचित नहीं है। लेकिन तुम पर कोई असर नहीं हुआ। सैनिक विश्रामालय में सारे बिस्तर खाली थे। तुम अपना बैग लेकर मुझसे काफी दूर जाकर लेट गर्इं। थकान के कारण लेटते ही मुझे भी नींद आ गई थी। आधी रात के करीब तुम्हारी चीख सुनाई पड़ी और दौड़कर हांफते हुए तुम मेरे पास आ गर्इं। पूछने पर तुमने बताया कि कोई चोर तुम्हारी सोेने की चेन की तरफ हाथ बढ़ा रहा था कि अचानक तुम्हारी नींद खुल गई और तुम चीख पड़ी। मन ही मन मैंने चोर को धन्यवाद दिया, जिसने बिना कोई नुकसान किए हमारा मिलन करा दिया था और तुम्हें एक सीख दे गया था। हालांकि तुम्हारे इसी स्वतंत्र व्यक्तित्व और सोच से प्रभावित होकर मैंने तुम्हें पसंद किया था और खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि हमेशा हमारे संबंध दोस्ताना और ताजगीपूर्ण रहे हैं। जब-जब तुम्हारी या मेरी स्वतंत्र सोच, संबंधों के दायरे का अतिक्रमण करने लगती है तो समाज और परिस्थितियां हम दोनों को हमेशा एक कर देती हैं, और बन जाते हैं ऐसे ही कई हंसने गुदगुदाने वाले संस्मरण…..।रामचन्द्र देवांगनकायस्थ पारा, वार्ड नं.-6, दुर्गछत्तीसगढ़- 491001NEWS
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