कही-अनकही
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

कही-अनकही

by
Aug 5, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 05 Aug 2005 00:00:00

मान गए लालू उस्ताददीनानाथ मिश्रदीनानाथ मिश्रइसके पहले कब और किस केन्द्रीय सरकार के काबीना मंत्री ने विपक्षी राज्य सरकार को भंग करने की मांग की थी? अपने देश में सर्वाधिक “सपूत” राजनेता और सबसे “कुशल” रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने तो अभी-अभी वडोदरा के निकट समलाया रेलवे स्टेशन के निकट हुई साबरमती एक्सप्रेस की दुर्घटना के बाद नरेन्द्र मोदी की सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। इसके पहले कभी किसी ने इस तरह की मांग की, मुझे याद नहीं आता। शायद लालू प्रसाद ने ही की हो। लोग कहते हैं कि यह हास्यास्पद बात है। यह तो स्वयं सिद्ध है। अगर बात हास्यास्पद नहीं होती तो लालू प्रसाद करते ही नहीं। वह अपने को राजनीति के “परिहास पुरुष” समझते हैं। लोग उनको परम कोटि के उपहास पुरुष समझते हैं। उनका तर्क भी बड़ा वजनदार था। वहां रेल दुर्घटना हुई थी। कई दर्जन लोग मारे गए थे। लोगों में रेल मंत्री के बारे में गुस्सा था। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल के लोगों ने पत्थरबाजी की। कहां थे ये संगठन?मैंने भी टेलीविजन में वह दृश्य देखा था। कहीं कोई झण्डा या पट नहीं था। सच भले ही कुछ भी हो जो उनके मुंह से निकल गया, वही मीडिया का सच है। किसी अखबार में छपा, पानी के कुछ पाउच जरूर उनकी तरफ निशाना करके फेंके गए हैं। उनके लोगों ने कहा कि वह किरोसिन तेल से भरे हुए पाउच थे। खैर, वह ठहरे केन्द्रीय मंत्री और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के ऐसे घटक दल, जो अगर वह साथ न रहें तो मनमोहन सिंह की सरकार चलती बनेगी। सो, हास्यास्पद हो तो भी कांग्रेस को इसे गम्भीरता से ही लेना पड़ेगा। राज्यपाल इसीलिए रपट तैयार कर रहे हैं। रपट कायदे से केन्द्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल के पास जाएगी। पाटिल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को रपट देंगे। मनमोहन सिंह सोनिया की इच्छा जानेंगे और तब फैसला होगा। इस घटना का ब्यौरा एक अन्तरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने इस प्रकार दिया है। लालू प्रसाद दुर्घटना के बाद वहां रेल मंत्री के नाते पहुंचे। कांग्रेस के नेताओं ने उनके पक्ष में जमकर नारेबाजी की। इससे दुर्घटनाग्रस्त और घायल होकर अस्पताल पहुंचे लोगों के परिजन उत्तेजित हुए और उन्होंने जवाबी नारेबाजी की। अस्पताल के एक मरीज के हवाले से एजेंसी की खबर में बताया गया कि पानी का पाउच अस्पताल के एक मरीज ने अनजाने में पहली मंजिल से नीचे फेंका था। वह पाउच पत्थर बन गया और भीड़ बजरंग दल बन गई। इसे कहते हैं राजनीतिक जादूगरी, जिसमें अपने विदूषक राजनेता माहिर हैं।इधर रेल दुर्घटनाएं ज्यादा ही हुई हैं। भारतीय राजनीति में ऐसे रेल मंत्री भी हुए हैं जिन्होंने दुर्घटना के बाद जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। मगर लालू प्रसाद से ऐसी गलती कभी न होगी, कोई इसकी उम्मीद उनसे तो नहीं कर सकता। अलबत्ता दुर्घटना के तुरन्त बाद रेल मंत्री के त्यागपत्र की मांग जरूर उठती है। सो उन्होंने राज्य सरकार को बर्खास्त करने की बड़ी मांग उठाकर अपने त्यागपत्र के मांग की छुट्टी कर दी। मोदी सरकार को बर्खास्त करने की बड़ी मांग पर भाजपा विरोधियों की भी अच्छी प्रतिक्रिया रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने कह डाला कि मोदी से पहले तो लालू प्रसाद को त्यागपत्र देना चाहिए। बड़े अफसोस की बात है, हर बात में लालू की पींठ आदतन थपथपाने वाले माक्र्सवादी पार्टी के नेता भी कुछ दूसरे सुर में बोल रहे थे। ज्योति बसु ने कहा कि हर छोटी बात पर अगर ऐसी बर्खास्तगी हुई तो संविधान की संघीयता चलेगी नहीं। मुझे इन दोनों राजनेताओं की प्रतिक्रिया पर बड़ा आश्चर्य हुआ। क्या ये दोनों नेता सचमुच ऐसा मानते थे कि केन्द्रीय सरकार इतनी मूर्खता कर सकती है? वे जरूर ऐसा मानते होंगे। नहीं तो ऐसे दो टूक बयान नहीं देते और वह भी नरेन्द्र मोदी के मामले में। इसका कारण भी है। कांग्रेस अध्यक्ष ने गोवा में जिस तरह की राजनीति की और राज्य सरकार को बर्खास्त किया, और फिर उसे झारखण्ड में दोहराया, उससे उन्हें लगा होगा कि लालू को गम्भीरता से लेकर मनमोहन सरकार गुजरात की सरकार को सचमुच बर्खास्त न कर दे। सो अपना पल्ला झाड़कर दोनों नेताओं ने कांग्रेस को चेतावनी देना ठीक समझा।मीडिया तो तैयार रहता है। अब खबर छापने और छिपाने के अलावा खबर गढ़ना भी उसका काम हो गया है। एक कहानी आ सकती है कि नरेन्द्र मोदी ने इधर लालू प्रसाद को जेड-श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की और तुरन्त दूसरी जगह बैठक करके उन पर पथराव करने की येाजना भी बनाई। दूसरी खबर आ सकती थी कि साबरमती एक्सप्रेस में जो मर गए वे तो मर गए लेकिन जो घायल थे, उनमें अल्पसंख्यक भी थे और बहुसंख्यक भी। मोदी सरकार के मंत्रिमंडल और पार्टी के लोग बड़ी संख्या में पहुंच कर राहत कार्य तो करने लगे लेकिन उन्होंने अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया। सो अल्पसंख्यकों में खासा गुस्सा था। मगर मोदी सरकार की पुलिस ने उनको लालू प्रसाद यादव से मिलने नहीं दिया। समाचार गढ़ने के मामले में मीडिया माहिर है और गुजरात की बात हो तो उसकी बंद अक्ल के ताले भी खुल जाते हैं। गोधरा के बाद गुजरात में समाचारों की जैसे फसल पैदा की गई। जहां तक लालू प्रसाद का सवाल है वह तो समाचार बनाने और गढ़ने के आला उस्ताद हैं ही। बिना बात के गुजरात का बतंगड़ बना ही डाला उन्होंने।NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies