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बन्द हों महिलाओं पर अत्याचारवि.सं.के., नागपुरबैठक को सम्बोधित करती हुईं सुश्री गीता गुण्डेगत दिनों रेशिम बाग, नागपुर में विभिन्न हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की महिला प्रतिनिधियों की एक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में 25 प्रदेशों से कुल 20 संगठनों की राष्ट्रीय स्तर की महिला पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री मदनदास एवं वरिष्ठ प्रचारक श्री श्रीकान्त जोशी भी इस बैठक में उपस्थित रहे। बैठक में महिलाओं से सम्बंधित अनेक विषयों पर विस्तृत विचार विमर्श हुआ।बीजिंग (चीन) में हाल ही में सम्पन्न हुए अन्तरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन में पारित प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने एक स्वर से मत व्यक्त किया कि भारत सरकार महिलाओं से सम्बंधित किसी मामले पर नीतिगत निर्णय लेने से पहले देश भर में इस पर व्यापक बहस कराकर आम सहमति अवश्य निर्माण करे। तत्पश्चात नीतियों का क्रियान्वयन होना चाहिए।बैठक में उपस्थित महिला कार्यकर्ताओं ने हाल ही में इमराना, गुड़िया और नजमा आदि मुस्लिम महिलाओं पर शरीयत के नाम पर लादे गए फतवों को अमानवीय बताते हुए महिलाओं के विरुद्ध होने वाले तमाम तरह के अत्याचारों, जैसे-पंचायतों द्वारा महिलाओं को निर्वस्त्र करने, सामूहिक बलात्कार जैसी सजा देने, वनवासी क्षेत्रों में डायन घोषित कर मारने आदि की तीव्र भत्र्सना की। सरकार से उपरोक्त परिस्थितियों में सुधार लाने के साथ-साथ दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। बैठक में राष्ट्र सेविका समिति, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् विश्व हिन्दू परिषद, भारतीय जनता पार्टी, भारत विकास परिषद, विद्या भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, शैक्षिक महासंघ, भारतीय मजदूर संघ सहित अनेक संगठनों की महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा में सुश्री गीता ताई गुण्डे, श्रीमती गौरी चंद्रायण सहित अनेक महिला प्रतिनिधियों ने अपने विचार प्रस्तुत किये।- वि.सं.के., नागपुरNEWS
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