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हांगकांग में विश्व व्यापार संगठन की बैठक मेंन झुके भारत सरकारआगामी 13 से 18 दिसम्बर को हांगकांग में विश्व व्यापार संगठन की एक मंत्रिस्तरीय बैठक को लेकर देश में बहस तेज हो गई है। आर्थिक चिन्तकों का मानना है कि विकसित देश इस बार भारत को कृषि अनुदानों में कटौती करने, कृषि बाजार विदेशियों के लिए खोलने के मुद्दे पर समझौते करने को मजबूर कर सकते हैं। आर्थिक चिन्तक यह भी मानते हैं कि भारत सरकार पर यदि जनता ने दबाव नहीं बनाया तो सम्भवत: सरकार विकसित देशों के दबाव के समक्ष घुटने टेककर देश के किसानों और व्यापारियों के हितों को दरकिनार कर देगी।इसीलिए स्वदेशी जागरण मंच ने नई दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में आगामी 18 नवम्बर को “हुंकार सभा” आयोजित कर सरकार को चेतावनी देने का फैसला किया है। स्वदेशी जागरण मंच ने इस संदर्भ में देश की जनता से आह्वान किया है कि वह लाखों की संख्या में एकत्र होकर भारत सरकार को स्पष्ट संकेत दे कि देश की जनता किसी भी कीमत पर देश के हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेगी।स्वदेशी जागरण मंच ने जनजागरण लाने के उद्देश्य से बड़ी मात्रा में पत्रक भी छापे हैं, जिनमें बताया गया है कि भूमंडलीकरण और उदारीकरण के कारण आम आदमी की जिन्दगी बद से बदतर हो गई है। विदेशी वस्तुओं पर से मात्रात्मक प्रतिबंध हटाकर और आयात शुल्क की सीमा घटाकर देश के बाजारों को विदेशी वस्तुओं से पहले ही पाट दिया गया है। नए पेटेन्ट कानूनों के कारण जहां जीवन रक्षक दवाइयां आम जनता की पहुंच से दूर होती जा रही हैं वहीं अब देश के कृषि क्षेत्र में विदेशी कम्पनियों के हितों को वरीयता देने की कोशिश भी की जा रही है।स्वदेशी जागरण मंच ने भारत सरकार से अपनी आर्थिक नीतियों पर पुनर्विचार की अपील करते हुए कहा है कि वह विश्व व्यापार संगठन की नीतियों को अपने पक्ष में मोड़ने, तोड़ने अथवा छोड़ने की नीति पर चले।प्रतिनिधिNEWS
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