सम्पादकीय
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सम्पादकीय

by
Jun 3, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 03 Jun 2005 00:00:00

हमारे सम्बंध देश-विदेश में कितने ही नये ज्ञान-विज्ञान से जुड़े हैं, लेकिन परेशानी की बात यह है कि अन्दर-अन्दर हमारा सम्बंध अपने पास वाले मानव समाज से, अपने पास-पड़ोस, गांव-मुहल्ले से टूटता जा रहा है। राजनीति का अपने मतदाता से, साहित्यकार का अपने पाठक से, शिक्षक का अपने छात्र से आत्मीयता भरा रिश्ता टूट रहा है।-धर्मवीर भारती (कहानी-अनकही, पृ.25)के.जी.बी. के लोगभारत सरकार के गुप्तचर ब्यूरो के पूर्व निदेशक श्री मलय कृष्ण धर ने अपने संस्मरणों की जो पुस्तक लिखी है, वह कई क्षेत्रों में सनसनी फैला रही है। लेकिन मुख्य बात यह है कि श्री धर ने अपनी पुस्तक में जिस प्रकार के रहस्योद्घाटन किए हैं, क्या उनकी जांच होगी? उनकी सत्यता के बारे में तो सरकार ही बता सकती है। जो भी हो, एक महत्वपूर्ण दायित्व को संभालने वाले अधिकारी की पुस्तक से यह तो अपेक्षा नहीं हो सकती कि उन्होंने केवल सनसनी फैलाने के लिए मिथ्यालाप किया होगा। इतना तो जरूर प्रयास होना चाहिए कि पुस्तक में जिन नेताओं को राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध जाते दिखाया गया है उनको और उनके दलालों को कटघरे में खड़ा किया जा सके। उनके काले कारनामों के बारे में जांच होनी चाहिए। श्री धर ने अपनी पुस्तक में श्रीमती गांधी के मंत्रिमण्डल की ओर संकेत करते हुए के.जी.बी. के दलालों का जो जिक्र किया है, वह एक अत्यन्त गंभीर जानकारी है। चुनावों में जीत-हार तथा वैचारिक मतभेदों से परे राष्ट्रीय हितों के मामले पर राजनीतिक दलों को एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहिए। राष्ट्रीय हित के विरुद्ध जाकर जो विदेशों से सांठ-गांठ करता हो तथा विदेशी दूतावास से पैसे लेता हो उसे क्षमा करना देश के साथ छल करने जैसा है। श्री धर ने अपनी पुस्तक में लिखा है, “बहुत कष्ट उठाकर किए गए अनुसंधान और गहरी गुप्तचर पैठ के आधार पर मैंने चार ऐसे केन्द्रीय मंत्रियों (श्रीमती इन्दिरा गांधी के मंत्रिमण्डल में?) और दो दर्जन से अधिक संसद सदस्यों की पहचान की थी जो के.जी.बी. के जासूसों से नियमित पैसा लेते थे। उनमें से कुछ तो अभी भी हैं। लेकिन के.जी.बी. की सबसे आश्चर्यजनक घुसपैठ रक्षा मंत्रालय में तथा सशस्त्र सेनाओं के उन स्तरों पर थी जो सैनिक साज-सामान लेने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन तमाम लोगों की सूची से मेरे अधिकारी बहुत खुश नहीं हुए और मुझे यह सलाह दी गई कि यह तमाम जानकारी अपने सुरक्षित तहखानों में रखो। उच्चाधिकारियों में से किसी में भी इस बात की हिम्मत नहीं थी कि वे सरकार को चेताते और इन तमाम सोवियत दलालों की पहचान करवाते। सबसे दिलचस्प मामला उन एक संसद सदस्य का था जो श्रीमती इन्दिरा गांधी की भीतरी निर्णायक मंडली के कुछ पहलुओं की जानकारी देने के लिए सोवियत दूतावास से नियमित पैसा लेता था।”जिस पुस्तक में इस प्रकार की तहलका मचाने वाली सामग्री हो और उसे प्रकाशित हुए दो महीने हो रहे हों, उसके बारे में सरकार की खामोशी बेचैनी पैदा करती है। वास्तव में इस पुस्तक के संदर्भ में सरकार को अपनी स्थिति तुरन्त स्पष्ट करनी चाहिए और जिस प्रकार के.जी.बी. के दलालों के बारे में इस पुस्तक में जिक्र किया गया है, उसके बारे में छानबीन की जानी चाहिए।ठेले पर कानूनराबड़ी देवी द्वारा कानून को धता बताते हुए तथा सीवान के जिलाधिकारी सी.के.अनिल के सामने खुद को एक घटिया लड़ाई के लिए खड़ा करते हुए जिस प्रकार मो. शहाबुद्दीन जैसे अपराधी को जेल से बाहर निकालने के आदेश दिए गए वह एक ही बात सिद्ध करता है कि देश में कानून मजाक भर रह गया है। कुछ लोग हैं जिनके विरुद्ध कानून को मनमाने ढंग से इस्तेमाल किया जाता है और बाकी कुछ लोग हैं, जो सरकार की जेब में हैं या उसकी आंखों के तारे हैं। उनके बारे में कानून ठेले पर लादकर कूड़ाघर में फेंकवा दिया जाता है। सी.के. अनिल की सीवान में नियुक्ति निर्वाचन आयोग के आदेश से हुई थी। उन्होंने मो. शहाबुद्दीन, जो लालू की पार्टी राजद से सांसद भी हैं, के छह महीने तक शहर में घुसने पर पाबंदी लगा दी थी और 28 फरवरी तक जेल में ही रखने का आदेश दिया था। उल्लेखनीय है कि निर्वाचन प्रक्रिया 28 फरवरी तक पूरी होने वाली है। यह सब इसलिए किया गया ताकि श्रीमान शहाबुद्दीन चुनाव प्रक्रिया में कोई बाधा न डाल सकें और न ही उसे प्रभावित कर सकें। लेकिन देखिए न, अभी बृहस्पतिवार (24 फरवरी) को ही पटना उच्च न्यायालय से सी.के. अनिल को निर्देश गया था कि वे शहाबुद्दीन को दुबारा बिहार आपराधिक कानून के अन्तर्गत पकड़े जाने का आधार समझाएं। पर अनिल जब तक यह बताते उसके पहले ही श्रीमती राबड़ी देवी ने उनके आदेश को पलटते हुए शहाबुद्दीन की रिहाई करवा दी।NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies