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बसपा विधायक की हत्या से फिर सामने आयाबाहुबलियों का आतंक-हरिमंगलउपद्रवियों पर लाठी बरसाती हुई पुलिस। राजू पालगुस्साई भीड़ द्वारा फूंक दिया गया पुलिस वाहनछाया: बृजेश जायसवालप्रयाग में स्थानीय बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी को दिनदहाड़े हत्या के बाद पूरे नगर में कानून-व्यवस्था को तार-तार कहते हुए हिंसा और अराजकता का नंगा नाच हुआ। विधायक राजू पाल की हत्या का प्रयास पिछले तीन महीनों से चल रहा था और इसके लिए वह स्थानीय सपा सांसद अतीक अहमद व उसके भाई मो. अशरफ पर आरोप लगाते हुए अपनी सुरक्षा की मांग करते रहे थे। लेकिन पुलिस विधायक को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराना तो दूर बाहुबली सांसद को पूरी तरह शरण देती रही। अपराधियों को पुलिस संरक्षण की पुष्टि इस तथ्य से भी होती है कि विधायक की हत्या करने वाले हमलावर ने हत्या करने के बाद भी अस्पताल तक पीछा किया और इस दौरान रास्ते में गोलीबारी भी की थी, लेकिन पुलिस का कहीं अता-पता नहीं था।गत अक्तूबर, 2004 में विधानसभा के उप चुनावों में बसपा विधायक राजू पाल ने बाहुबली सपा सांसद अतीक अहमद के भाई मो. अशरफ को हराकर चुनाव जीता था। कहते हैं तभी से अतीक अहमद और उनके बीच ठन गई थी। 21 नवम्बर को राजू पाल पर जानलेवा हमला हुआ, लेकिन वह बाल-बाल बच गए। इस हमले के लिए विधायक ने बाहुबली सांसद व उसके भाई पर आरोप लगा कर अपनी सुरक्षा की मांग की थी। विधायक की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम तो नहीं हुआ परन्तु इसी बीच फिर 28 दिसम्बर, 2004 को राजू पाल पर दूसरा जानलेवा हमला हुआ, इस हमले की प्राथमिकी में राजू पाल ने सांसद के भाई मो. अशरफ का नाम लिखाया था परन्तु सत्ता के दबाव में रातोंरात अशरफ का नाम हटा दिया गया। 25 जनवरी को हुआ हमला बहुत ही सुनियोजित था। विधायक अपनी गाड़ी स्वयं चलाते हुए जैसे ही अपने घर के समीप पहुंचे तभी आधुनिक हथियारों से लैस लगभग दो दर्जन हमलावरों ने उन पर गोलियां बरसा दीं, जिनमें उनका एक अंगरक्षक और एक समर्थक भी मारा गया। विधायक के शव को पुलिस प्रशासन द्वारा लावारिस हालत में जला दिए जाने के बाद पूरे जिले में आक्रोश फैल गया। आक्रोशित बसपाइयों ने शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में हिंसा और अराजकता फैलाते हुए आधा दर्जन से अधिक पुलिस चौकियां फूक दीं, तीन दर्जन से अधिक सरकारी गाड़ियों को क्षतिग्रस्त किया। भीड़ ने अपना निशाना कई सपा कार्यकर्ताओं के मकानों को भी बनाया जिसमें एक युवक की मौत हो गयी। इसी बीच विधायक के परिजनों से मिलने आयीं बसपा अध्यक्ष मायावती ने विधायक की हत्या का आरोप सीधे-सीधे प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव तथा स्थानीय पुलिस पर लगाया है।प्रयाग में सपा सांसद अतीक अहमद पर पिछले एक अर्से से हत्या, अपहरण आदि में शामिल होने के आरोप लगाते रहे हैं। पिछले वर्ष भाजपा नेता मो.कारी का रास्ते से अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। मो. कारी बाहुबली सांसद के प्रबल विरोधी माने जाते रहे थे। परिवारजनों के प्रयास के बाद भी सांसद का नाम पुलिस ने रपट में दर्ज नहीं किया है। इसी प्रकार तीन माह पूर्व नगर के एक प्रख्यात न्यूरो सर्जन डा. कार्तिकेय शर्मा का रास्ते में अपहरण कर दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गयी। फिरौती की रकम देने के बाद डा. शर्मा तो रिहा हो गए लेकिन जब अपराधी पकड़े गए तो उनमें इन्हीं बाहुबली सपा सांसद का एक अति नजदीकी अपराधी भी शामिल पाया गया था। बहरहाल, जबरदस्त जनाक्रोश के कारण मो. अशरफ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। प्रदेश में मुलायम सिंह सरकार की लचर कानून-व्यवस्था पर लगभग सभी दलों ने तीखी टिप्पणियां की हैं। इस घटना ने उनकी इस बात की पुष्टि ही की है कि प्रदेश में बाहुबलियों का आतंक चरम पर है।NEWS
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