जम्मू - कश्मीर विचार मंच की बैठक में उठा कश्मीरी पंडितों की घाटी -वापसी का मुद्दा
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

जम्मू – कश्मीर विचार मंच की बैठक में उठा कश्मीरी पंडितों की घाटी -वापसी का मुद्दा

by
May 6, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 May 2005 00:00:00

क्या सपना ही रहेगी घाटी वापसी?-प्रतिनिधिकार्यक्रम में मंचस्थ (बाएं से) सर्वश्री त्रिलोकीनाथ राजदान, द्वारिका नाथ मुंशी,मनमोहन धर, डा. जितेन्द्र बजाज, प्रो. भारत भूषण धर एवं सुनीता (रैना) पंडित”वेकौन सी परिस्थितियां थीं, जिसमें हमें अपनी मातृभूमि से विस्थापित होना पड़ा? क्या आज वैसा खौफ समाप्त हो गया है? जिहादी हिंसा के जिम्मेदार लोग आज भी कश्मीर घाटी में उसी प्रकार जमे हैं, जैसे वे पिछले 16 वर्ष से घाटी में जमे हुए थे। हमें घाटी से बाहर धकेलने वाले लोग कोई पाकिस्तान से नहीं आए थे, ये वही लोग हैं जो आज हमें फिर से घाटी में बसने का निमंत्रण दे रहे हैं। हम घाटी में वापस जाएंगे, किन्तु इतना तय है कि इस बार हम पुन: विस्थापित होने के लिए नहीं बल्कि कश्मीर को भारत की सनातन धारा का अंग बनाने के लिए जाएंगे।” गत 23 मई को नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर विचार मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने कुछ इन्हीं शब्दों में कश्मीरी पंडितों की पीड़ा का वर्णन किया।जम्मू-कश्मीर विचार मंच की इस बैठक में वक्ताओं ने जम्मू-कश्मीर राज्य सरकार द्वारा कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के प्रयत्नों को षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि सरकार को कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की कम और सन् 1947 में पाकिस्तान जा चुके मुसलमानों के पुनर्वास की चिंता ज्यादा है। पूरी योजना ही इस प्रकार से बनाई गयी है ताकि कश्मीरी पंडित घाटी में पुन: बसने को राजी ही न हों और सरकार भारत तथा विश्व समुदाय के समक्ष यह कहते हुए अपने उत्तरदायित्व से पल्ला झाड़ ले कि, “सरकार तो पंडितों को ससम्मान वापस बसाना चाहती है, लेकिन वे ही अब वापस आना नहीं चाहते।” जम्मू-कश्मीर विचार मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार डा. आर.एल.भट्ट ने सरकार की इस योजना पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि सरकार की घोषणाएं कश्मीरी पंडितों के पूर्णतया सफाए की सुनियोजित साजिश का हिस्सा हैं। घाटी से कुल 55,000 परिवार विस्थापित हुए हैं जिसमें से 200 परिवारों को फिर से बसाने के लिए मकान बनाए जा रहे हैं। अभी तक सिर्फ 100 परिवारों के लिए मकान बन पाए हैं। सरकार इन परिवारों को बसाने पर आमादा है लेकिन इनकी सुरक्षा के इंतजाम क्या हैं? मुट्ठी भर परिवारों को घाटी में बसाकर सरकार उन्हें किसके भरोसे जिन्दा रहने की आस बंधा रही है? क्या राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज शेष बची है? मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री त्रिलोकी नाथ राजदान ने इस अवसर पर कहा कि इन 15 वर्षों में विस्थापन की त्रासदी ने हमें गहरे घाव दिए हैं लेकिन अपनी जन्मभूमि और अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा।उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता डा. जितेन्द्र बजाज ने जम्मू-कश्मीर की जनसांख्यिकी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कश्मीर से हिन्दुओं के सफाए के प्रयास पिछले 300 वर्षों से चल रहे हैं। परन्तु इन प्रयासों को भारत की जनता और अन्य महापुरुषों ने कभी सफल नहीं होने दिया। डा. बजाज ने इस सन्दर्भ में गुरु तेगबहादुर के बलिदान का वर्णन करते हुए कहा कि घाटी के हिन्दुओं पर अत्याचार के विरुद्ध विगत् 20 वर्षों में जो प्रतिक्रिया भारत की जनता द्वारा होनी चाहिए थी, दुर्भाग्य से वह कहीं नहीं हुई। यह एक खतरनाक संकेत है। डा. बजाज ने कहा कि कश्मीर में सम्प्रदाय विशेष के द्वारा जातीय परिमार्जन का षड्यंत्र लगभग पूरा हो चुका है और यही प्रक्रिया अब देश के अन्य कई राज्यों में प्रारम्भ हो चुकी है। उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष प्रो. मनमोहन धर ने कश्मीरियत को बचाने पर बल दिया। इस अवसर पर मंच द्वारा प्रकाशित “विचार” मासिक का लोकार्पण भी किया गया।NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies