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झूठे सेकुलरवाद से लड़ना होगा-चंदन मित्रा, सम्पादक, पायनियरसंगोष्ठी में मंचस्थ (बाएं से) श्री रविशंकर प्रसाद, न्यायमूर्ति (से.नि.)उदयप्रताप सिंह, श्री चंदन मित्रा एवं श्री एस.सी. सहाय”संविधान की प्रस्तावना में “सेकुलरिज्म” शब्द जोड़ने का उद्देश्य आम जनता को मूर्ख बनाना एवं वामपंथियों को खुश करना था। यदि देश को सही अर्थों में 21वीं सदी में ले जाना है तो इस “सेकुलरिज्म” की भ्रांति से लड़ना होगा।” यह कहना है द पायनियर (अंग्रेजी दैनिक) के सम्पादक एवं राज्यसभा सदस्य श्री चंदन मित्रा का। वे विश्व संवाद केन्द्र, पटना द्वारा नारद जयंती के अवसर पर आयोजित एक संगोष्ठी में विचार व्यक्त कर रहे थे। पटना संग्रहालय के सभागार में गत 25 मई को आयोजित इस संगोष्ठी का विषय था “भारतीय मानस और सेकुलर चेतना”। उन्होंने कहा कि हमें अपने समाज, संस्कृति और परम्परा पर गर्व होना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य से हम ये बातें भूल रहे हैं। जबकि थाइलैण्ड, मलेशिया, म्यांमार इत्यादि देशों के लोग आज भी भारतीय संस्कृति के मान-बिन्दुओं का आदर करते हैं।संगोष्ठी के प्रारम्भ में पूर्व सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने देश और विदेश की संस्कृति, साहित्य और “सेकुलरिज्म” को व्याख्यायित किया। उन्होंने पत्रकारिता और विशेषकर अंग्रेजी पत्रकारिता की मानसिकता पर कटाक्ष करते हुए कहा कि न जानें क्यों लोग अपनी बात कहने में हिचकते हैं। जनता के सामने बेबाक ढंग से बात रखने के लिए उन्होंने द पायनियर तथा उसके सम्पादक श्री चंदन मित्रा की प्रशंसा की। बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री एस.सी. सहाय ने भारतीय समाज के बंटवारे के लिए “सेकुलरिज्म” को दोषी बताया।इससे पूर्व समारोह में दो वरिष्ठ पत्रकारों श्री मुरली मनोहर मिश्र (हिन्दुस्तान) तथा श्री जयकान्त मिश्र (पूर्व सम्पादक, आर्यावर्त) को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। समारोह में पत्रकारिता प्रशिक्षण वर्ग के प्रशिक्षकों को भी सम्मानित किया गया तथा प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता केरल उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (से.नि.) उदय प्रताप सिंह ने की तथा धन्यवाद ज्ञापन किया विश्व संवाद केन्द्र, पटना के अध्यक्ष श्री प्रकाश नारायण सिंह ने।संजीव कुमारNEWS
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