लालू यादव कांग्रेस को ले डूबेंगे
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

लालू यादव कांग्रेस को ले डूबेंगे

by
May 6, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 May 2005 00:00:00

आलोक गोस्वामी से बातचीत पर आधारितए.सूर्यप्रकाश, वरिष्ठ विश्लेषकआजादी के बाद 56 वर्षों के कालखण्ड में ज्यादातर समय केन्द्र में कांग्रेस की सरकारें रही हैं। इस दौरान कांग्रेस ने धारा 356 का जमकर दुरुपयोग किया है। कांग्रेस की परम्परा रही है रातों-रात कैबिनेट की बैठक बुलाकर राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू करने की। लेकिन जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें होती हैं, वहां किसी तरह की अंदरूनी कलह या दल-बदल के कारण सरकार अगर डगमगाने लगती है, तब भी महज समय लेकर सुधार करने की गरज से भी कांग्रेस ने उन राज्यों में धारा 356 लगाई है। राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य विधानसभा निलम्बित रहती है और कांग्रेस को जोड़-तोड़कर अपना बहुमत बनाने का मौका मिल जाता था। जब यह हरकत बहुत ज्यादा बढ़ गई और धारा 356 का खुलेआम दुरुपयोग किया जाने लगा तो सर्वोच्च न्यायालय ने बोम्मई मामले में कुछ नियम तय कर दिए। न्यायालय ने कुछ विशेष परिस्थितियों में और जरूरी होने पर ही धारा 356 की अनुशंसा करने का आदेश दिया। साथ ही यह भी कहा कि जिन कारणों की आड़ में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा उनकी, अगर जरूरत पड़ी तो, न्यायालय पड़ताल कर सकता है। दूसरा, राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए दोनों सदनों का अनुमोदन जरूरी है। तीसरा, विधानसभा भंग करने के कारणों की न्यायालय द्वारा समीक्षा की जा सकती है। और अगर न्यायालय को लगा कि विधानसभा भंग करने के पर्याप्त कारण नहीं थे तो वह उसे पुन: बहाल करने का निर्देश दे सकता है। सर्वोच्च न्यायालय की यह महत्वपूर्ण व्यवस्था पांच सदस्यीय खण्डपीठ ने दी थी। जिस तरह से गत 22 मई की आधी रात बिहार विधानसभा भंग करने का असंवैधानिक निर्णय लिया गया, उसके विरुद्ध अगर कोई व्यक्ति सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करता है तो न्यायालय इस पर कार्रवाई करेगा।बिहार के राज्यपाल बूटा सिंह पिछले कई दिनों से टेलीविजन चैनलों पर कहते आ रहे थे कि विधायकों की खरीद-फरोख्त हो रही थी। पर उन्होंने यह कहीं नहीं बताया कि कौन यह कर रहा था, किसके साथ ऐसा हो रहा था। बूटा सिंह आखिर एक कांग्रेसी ही हैं। और जाहिर है वही करेंगे जो कांग्रेस के हित में होगा। अगर वहां विधायक किसी तरह लोकप्रिय सरकार बनाने की कोशिश कर रहे थे, जो कांग्रेस के हित में नहीं था, उसे वे खरीद-फरोख्त ही तो कह सकते थे। वहां लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के विधायक अपने अध्यक्ष रामविलास पासवान से बहुत नाराज थे, क्योंकि वे बिहार में सरकार बनाने के बारे में गंभीर नहीं थे। चुने गए विधायक खफा थे कि पासवान के कारण विधानसभा ही भंग हो जाने का माहौल बन गया था। 29 में से 20 लोजपा विधायक जद (यू) के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश कर रहे थे। यह दल-बदल विरोधी कानून का मामला कतई नहीं था। न ही इसे खरीद-फरोख्त कहा जा सकता था। इस तरह की गतिविधि देखकर और राजग सरकार बनने की संभावना से तिलमिलाई केन्द्र की संप्रग सरकार ने विधानसभा भंग करने का निर्णय ले लिया। कांग्रेस की यह चाल राजनीतिक और संवैधानिक तौर पर बिल्कुल गलत है।कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब वहां विधानसभा का गठन ही नहीं हुआ था तो भंग कैसे की जा सकती है। मेरा मानना है कि चुनाव के बाद चुनाव आयोग अधिसूचना जारी करता है। इस अधिसूचना के जारी होते ही नई विधानसभा गठित मानी जाती है। किसी विधायक या किसी सांसद ने सदन की सदस्यता की शपथ भले न ली हो, पर सदन का सृजन तो अधिसूचना के साथ हो जाता है।राष्ट्रपति शासन लगने के बावजूद बिहार में परोक्ष रूप से लालू यादव का ही राज चल रहा था। शहाबुद्दीन जैसे दागी सांसद के विरुद्ध कार्रवाई करने वाले जिलाधिकारी का तबादला यह सिद्ध करता है। वहां के प्रशासन पर लालू यादव की पकड़ कसती जा रही थी।दरअसल बिहार की जनता ने 15 वर्ष से जारी लालू यादव सरकार के जंगलराज से मुक्ति का जनादेश दिया था। वहां न संविधान की मर्यादा बची थी, न कानून की। बिहार में लालू यादव ने कानून से बाहर अपना निजी तंत्र बनाया हुआ था। पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी भी ठीक से काम नहीं कर पा रहे थे। धीरे-धीरे बिहार देश के बाकी राज्यों से बहुत पिछड़ गया।केन्द्र सरकार में भी लालू यादव की बहुत ज्यादा दखल दिखाई दे रही है। इसमें कोई शक नहीं कि कांग्रेस के ऊपर इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। लालू यादव के दबाव में आकर बिहार के राज्यपाल से रपट मांगी गई। बिहार के लोग लालू यादव के जंगलराज के विरुद्ध आवाज बुलंद कर रहे थे और जिस तरह की नकारात्मक छवि लालू यादव की बन चुकी है उसका असर अब कांग्रेस के ऊपर दिखने लगा है। हमारे लोकतंत्र और व्यवस्था पर इस व्यक्ति के कारण बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है। जितना जल्दी हो सके इस ओर ध्यान देना चाहिए। मुझे लगता है कि कुछ समझदार कांग्रेसी इस बारे में चिंतित भी हैं। राजद जैसे दलों के साथ मिलकर कांग्रेस की छवि धूमिल हो रही है। देश के नागरिक भी लोकतंत्रीय व्यवस्था पर मंडरा रहे इस खतरे के प्रति चिंतित हैं। बिहार विधानसभा भंग करने के निर्णय पर विदेश प्रवास पर गए राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम से हस्ताक्षर करवाना किसी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता है। मैं तो यहां तक कहूंगा कि अगर देश मे ंकोई ऊंचे से ऊंचे पद पर बैठा व्यक्ति संविधान के विरुद्ध कोई काम करता है तो इस देश का कोई भी नागरिक सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है। हम, इस देश के नागरिक, आज इतने असहाय नहीं हैं। गोवा, झारखण्ड के मामलों में हम न्यायालय की प्रभावी भूमिका देख चुके हैं। अब बिहार में भी “संतों की सरकार” के किसी भी गलत निर्णय के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खुला है।(आलोक गोस्वामी से बातचीत पर आधारित)NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Germany deported 81 Afghan

जर्मनी की तालिबान के साथ निर्वासन डील: 81 अफगान काबुल भेजे गए

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Germany deported 81 Afghan

जर्मनी की तालिबान के साथ निर्वासन डील: 81 अफगान काबुल भेजे गए

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies