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बिहार चुनाव नवम्बर – 2005मुस्लिम विधायकों की संख्यानाम दल क्षेत्र खुर्शीद अहमद कांग्रेस सिकटा मुबारक हुसैन ,, मनिहारी तौसीफ आलम ,, बहादुरगंज अब्दुल जलील मस्तान ,, अमौर अब्दुल बारी सिद्दकी राजद बहेरा शकील अहमद खां ,, गुरुआ निहालुद्दीन ,, रफीगंज अख्तरुल ईमान ,, किशनगंज जमशेद अशरफ जद(यू) बलिया शाहिद अली खान ,, पुपरी मुनाजिर हसन ,, मुंगेर मंजे आलम ,, जोकीहाट इजहार अहमद लोजपा घनश्यामपुर मुन्नाफ आलम भाकपा(माले) बारसोई मो. अब्दुल जलील राकांपा कदवा रुकनुद्दीन निदर्लीय बायसी पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे बिहार के मुस्लिमबहुल क्षेत्रों के मतदाताओं ने लगभग पुराना इतिहास ही रचा है। लगभग 60 प्रतिशत मुस्लिमबहुल किशनगंज में जहां राजद को सफलता मिली है, वहीं बहादुरगंज, अमौर और मनिहारी में कांग्रेस ने बाजी मारी है। वायसी निर्दलीय के हाथ लगी है, तो कदवा राकांपा के पास है। जोकीहाट और ठाकुरगंज का परिणाम चौंकाने वाला है। जोकीहाट में केंद्रीय मंत्री और बाहुबली सांसद तस्लीमुद्दीन का दबदबा है, पर उनके बेटे सरफराज आलम को हार का सामना करना पड़ा। यहां जद(यू) का प्रत्याशी जीता। वहीं ठाकुरगंज की सीट पर सपा ने पहली बार कब्जा किया। बारसोई सीट भाकपा (माले) के हाथ लगी है। उल्लेखनीय है कि इन सभी क्षेत्रों में कहीं 60 से 70 प्रतिशत मुस्लिम हैं, तो कहीं 40-50 प्रतिशत। वहीं कटिहार, पूर्णिया, अररिया, दरभंगा, जहां मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या है, में राजग को सफलता मिली है। चुनाव विश्लेषक अमरेन्द्र तिवारी का मानना है कि इन क्षेत्रों में मुस्लिम-यादव समीकरण ध्वस्त हो गया।NEWS
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