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कम्युनिस्ट गुंडों ने फिर कीकेरल में स्वयंसेवक की हत्या?शहीद स्वयंसेवक सूरजकण्णुर के तल्लशैरी नगर में मुझप्पिलंगढ़ में 7 अगस्त को माकपाई गुंडों ने रा.स्व.संघ के कार्यकर्ता इलमबिलै सूरज की निर्ममतापूर्वक चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी। 34 वर्षीय सूरज आटोरिक्शा चलाते थे। सुबह 9 बजे जब वे अपने मित्र को विदा करके मुझप्पिलंगढ़ स्थित अपने घर लौट रहे थे तभी माक्र्सवादी गुंडों ने उन पर हमला बोल दिया। लगभग आधे घंटे तक खून से लथपथ सूरज की पार्थिव देह सड़क पर पड़ी रही लेकिन कोई उन्हें उठाने आगे नहीं आया। माकपाई तत्वों का ऐसा भय है वहां। सूरज के सिर पर गंभीर वार किए गए थे, पैर और हाथ की हड्डियां तोड़ दी गईं और शरीर को जगह-जगह चाकू से गोद दिया था हत्यारों ने। सूरज ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया।लगभग 6 माह पहले भी सूरज पर जानलेवा हमला किया गया था। उस समय उन्हें काफी चोट आई थी जिसका इलाज वे कोझीकोड के मेडिकल कालेज में अब तक करवा रहे थे। अभी कुछ दिन पहले ही वे अस्पताल से इलाज करवाकर लौटे थे।दो साल पहले तक सूरज एक सक्रिय माकपा कार्यकर्ता थे लेकिन उस पार्टी की विचारधारा से मोहभंग होने के बाद उन्होंने पार्टी से नाता तोड़ लिया था। माकपा से विमुख होकर सूरज रा.स्व.संघ से जुड़े, और केवल खुद ही नहीं जुड़े बल्कि कितने ही और वामपंथी झुकाव वाले युवकों को संघ से जोड़ने में सहायक बने। इस कारण उनसे माक्र्सवादियों को खतरा महसूस होने लगा था और कामरेड नेतृत्व ने उन्हें रास्ते से हटाने की कथित योजना बनाई। संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं, जो सूरज के घर शोक प्रकट करने पहुंचेे, ने कहा कि यह सब जिले के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने के लिए माकपा द्वारा सोच-समझकर किया गया था। चूंकि माकपा कार्यकर्ताओं का अब माकपा से मोहभंग होने लगा है, परिणामत: झुंझलाया माक्र्सवादी नेतृत्व जगह-जगह हिंसा पर उतारू है।NEWS
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