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केरल-तरुअनंतपुरम से प्रदीप कुमारनेता में समर्पण जरूरी-जी.के. सुरेशबाबू, समाचार सम्पादक- अमृता टीवीहम राजनीति और राजनीतिज्ञों को जरूरत से ज्यादा महत्व दे रहे हैं। राजनीतिज्ञ को नेता नहीं कहा जा सकता। उदाहरण के लिए, दूरसंचार क्षेत्र में भारत की सफलता का असली श्रेय दूरदर्शी उद्यमी सैम पित्रोदा को जाता है पर राजीव गांधी ने इसका समूचा श्रेय ले लिया। आजादी के बाद विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्योग क्षेत्र में हमारी सभी सफलताएं कुछ निस्वार्थी लोगों के सतत समर्पण का परिणाम है। जबकि सत्तारूढ़ तबका होने के कारण राजनीतिज्ञ खुद को ही हमारी सफलता का कारण बताते हैं। राजनीति और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दरअसल, हमारी राजनीति में स्वच्छता लाने के लिए हमें पं. दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और पी. परमेश्वरन् जैसे समर्पित व्यक्तियों की आवश्यकता है। हमें अपनी युवा पीढ़ी को अनुसरण के लिए कुछ प्रेरक व्यक्तित्व सामने रखने होंगे। धीरे-धीरे समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही यह समानांतर प्रक्रिया समाज को परिवर्तित करने का रास्ता दिखाएगी है। हमारी आशा उसमें ही निहित है।NEWS
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