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केरल-तरुअनंतपुरम से प्रदीप कुमारअभिशाप हैं राजनेताप्रो. सी. जी. राजगोपाल, वरिष्ठ शिक्षाविद्एक विशिष्ट अकादमिक कैरियर के धनी राजगोपाल ने त्रावनकोर विश्वविद्यालय से बी.ए. (हिंदी) में पहला स्थान प्राप्त किया। केंद्र सरकार की ओर से छात्रवृत्ति प्राप्त हुई। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में आगे अध्ययन किया और पंडित टीकाराम मिश्र स्वर्णपदक जीता। वे राज्य के अनेक कालेजों में हिंदी के प्रोफेसर रहे हैं। वे कलडी स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय से संस्कृत के डीन पद से सेवानिवृत्त हुए। देश के असली नेता कौन? के संदर्भ में उनका कहना है-राजनीतिक और समाज क्षेत्रों से जुड़े लोग निश्चित रूप से हमारे देश के विकास में लगे हैं। दुर्भाग्य से मौजूदा दौर के राजनीतिक अदूरदर्शी और स्वार्थी हैं। उन्हें जनता के जीवनस्तर को सुधारने के लिए उपयुक्त नीतियां बनानी चाहिए। आज के नेता हमारे देश के लिए अभिशाप हैं। किसी समय में वे नेता हुआ करते थे पर अब उन्हें नेता कहते शर्म आती है।भारत की राजनीति की दिशा बदलने के लिए आज हमें सेवाभावी, ईमानदार, साहसी, त्यागी और समर्पित भाव वाले लोगों की आवश्यकता है। आज राजनीति धोखेबाजों का अंतिम ठिकाना बन गई है, इस स्थिति में परिवर्तन होना चाहिए। हमारे यहां बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी, विपिनचंद्र पाल, लाला लाजपत राय जैसे समर्पित और निस्वार्थी नेताओं की एक लंबी पांत रही है, जिन्होंने इस महान देश का भाग्य तय किया। नि:संदेह आज की राजनीति में एक हद तक काफी गिरावट आ चुकी है और उसे स्वच्छ बनाना कठिन है। इस गिरावट का उचित आकलन तब और हो जाता है जब वामपंथियों पर नजर डालते हैं। कामगार तबके के लिए आंसू बहाने वाले वामपंथी दलों ने अब अपने पूर्णकालिकों को वेतन देकर राजनीति को एक पेशा बना दिया है।हमारे युवा अनेक टीवी चैनलों से प्रभावित हैं, जिनकी आपसी गलाकाट प्रतिस्पर्धा का एकमेव उद्देश्य पैसा कमाना है। हमारे महान देश की समस्याओं के निदान के लिए युवाओं को अपनी संभावित शक्ति की साथ आगे आना चाहिए। मुझे यह देखकर खुशी है कि इस देश में अनेक स्वयंसेवी समूह बिना किसी राजनीतिक अथवा सरकारी सहायता के आगे आ रहे हैं।NEWS
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