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पाकिस्तान स्थित मंदिरों को बचाएंपाकिस्तान में मंदिरों व हिन्दू तीर्थों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। कई मन्दिर पहले ही व्यापारिक केन्द्रों व निजी आवासों में परिवर्तित किए जा चुके हैं और जो बचे-खुचे हैं, उनकी भी क्या स्थिति होगी कहा नहीं जा सकता। हाल ही में पाकिस्तान से तीर्थाटन करके लौटे हिन्दुओं ने उपरोक्त स्थितियों का मार्मिक वर्णन करते हुए भारत सरकार से मांग की है कि वह पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता में मंदिरों व हिन्दू तीर्थस्थलों की दुर्दशा का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठाए। तीर्थयात्रियों के अनुसार महाभारत कालीन तीर्थस्थल कटासराज के आस-पास तीन सीमेंट फैक्ट्रियों सहित अन्य कई फैक्ट्रियों के कारण उस स्थान का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। चारों ओर सीमेंट के गर्द -गुबार के कारण दर्शनार्थियों का दम घुटता है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में कटासराज तीर्थस्थल की हिन्दुओं में बहुत मान्यता है। यहीं पर महाराजा रणजीत सिंह के महान सेनानायक हरि सिंह नलवा की पैतृक हवेली भी स्थित है। इलाके के अनेक बौद्ध स्तूपों के साथ हवेली की हालत भी चिंताजनक है।केन्द्रीय श्री सनातन धर्म सभा के सदस्य श्री हरीश कुमार, श्री मदनलाल खुशदिल तथा श्री एस.एस. शर्मा बताते हैं कि सिकंदर के भारत आक्रमण के समय लाहौर में बनाया गया शीतला माता का मंदिर और लाहौर गेट के पास दूधवाली माता के मन्दिर की स्थिति भी जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है। ये कब ढह जाएं, कहा नहीं जा सकता। उल्लेखनीय है कि भारत में बाबरी ढांचा ध्वस्त होने की प्रतिक्रिया के नाम पर पाकिस्तान में लगभग 242 मंदिरों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। सरकारी दावों के बावजूद इन मंदिरों की स्थितियों को सुधारा नहीं जा सका है। यात्रियों के अनुसार अगर पाकिस्तान सरकार वास्तव में भारत से मित्रता की पक्षधर है तो श्री कटासराज मंदिर का सौन्दर्यीकरण करे। इससे पाकिस्तान में पर्यटन की संभावनाओं का भी विस्तार होगा।अबोहर से राकेश सैनNEWS
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