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कही-अनकही
दीनानाथ मिश्र
रामदेव जी, लाइलाज
बीमारी है सेक्युलेरिया
योगीराज स्वामी रामदेव के योग, प्राणायाम और कपाल क्रिया में दर्जनों बीमारियों को दूर करने की क्षमता होगी। उनके अनुलोम-विलोम से हृदय की नलियों की रुकावट दूर हो जाती होगी। उनकी कपाल क्रिया से वजन भी घटता होगा। जितनी बीमारियों के नाम वे गिनाते हैं, पतंजलि योग से वे सभी रोग दूर हो सकते होंगे। मैं तो मान लूंगा कि मलेरिया और फाइलेरिया के बारे में भी उनके दावे सही हो सकते हैं। लेकिन एक बीमारी का नाम मैं बताता हूं और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इस बीमारी का स्वामी रामदेव जी के पास कोई इलाज नहीं है। बीमारी का नाम है सेक्युलेरिया। सेक्युलेरिया नामक बीमारी राजनीतिक दलों, अखबारों, चैनलों से लेकर किसी भी व्यक्ति को हो सकती है।
आज देश में योग क्रांति लाने का दावा वह करते हैं। मैं खुद उनका भक्त हूं। उनके बताए रास्ते से मधुमेह की मेरी अंग्रेजी गोलियां छूट गईं। पिछले कई महीनों से मैं उनके कार्यक्रम कभी आस्था चैनल पर, कभी सहारा और कभी कहीं और देख लेता हूं। मुझे मालूम है कि उनके योग शिविरों में बीसियों हजार लोग भाग लेते हैं। और जो बीमारियों से मुक्त हो गए हैं, उन शिविरों में अपने अनुभव भी सुनाते हैं। लेकिन किसी ने दावा नहीं किया कि उनकी सेक्युलेरिया की बीमारी खत्म हो गई है। स्वामी रामदेव जी को अब यह दर्प छोड़ देना चाहिए कि योग से सारी बीमारियां ठीक हो सकती हैं। उनके दिल्ली शिविर की पूर्व संध्या पर एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई थी। प्रेसवार्ता में स्वामी रामदेव जी ने बताया था कि उन्हें “सिमी” (कट्टरपंथी और इस्लामिक संगठन) की ओर से जान से मारने की धमकी और उनके हरिद्वार स्थित योग-संस्थान को क्षत-विक्षत कर देने की चेतावनी दी गई है। सिमी प्रतिबंधित संगठन है। लेकिन ऐसे प्रतिबंधित संगठनों में एक परम्परा रहती है। प्रतिबंधित नाम को छोड़कर वह दूसरा संगठन बना लेते हैं। ई-मेल में संगठन का नाम लिखा है- “बिन लादेन के वारिस।”
बिन लादेन की तारीफ में कुछ कहने की जरूरत नहीं है। अमरीका ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी उसको जिन्दा या मुर्दा पकड़ने के लिए। करोड़ों के इनाम घोषित कर दिए। अफगानिस्तान की एक-एक कंदरा में Ïस्ट्रगर मिसाइल दाग दिए। उसे न मिलना था और न वह मिला। आज ओसामा या उसका भूत सारी दुनिया में आतंक का पर्याय है। उनके वारिसों ने स्वामी रामदेव जी को यह धमकी दी है। अगर ऐसी धमकी किसी इमाम या पादरी को दी जाती और वह भी हिन्दू संगठन की तरफ से, तो आज सभी अखबारों और चैनलों में यह सामचार सुर्खियां बन कर छाया रहता। मगर देश में एक तरह की क्रांति के कारण छाए हुए स्वामी रामदेव जी को धमकी की खबर किसी अंग्रेजी अखबार में नहीं है। सिर्फ एक अंग्रेजी अखबार ने पूरा महत्व देकर प्रथम पृष्ठ पर इसको छापा है। अनेक हिन्दी अखबारों ने भी सिमी की धमकी का उल्लेख किया है, लेकिन दबा कर। इसका मूल कारण यही है कि ज्यादातर मीडिया सेक्युलेरिया नामक बीमारी से पीड़ित है।
सवाल यह है कि सिमी को गुस्सा क्यों आया? सिमी ने स्वामी रामदेव को धमकाते हुए समझाया है कि वह अपने योग शिविरों में मुसलमानों को योगाभ्यास न कराएं। मुझे भी उस दिन बड़ा आश्चर्य हुआ था जब किसी शिविर में एक मुस्लिम महिला ने योग से अपने रोग की मुक्ति की बात कही थी। और स्वामी जी का बड़ा शुक्रिया अदा किया था। सिमी तो है ही प्रबल सेक्युलर जमात। जो जितना ज्यादा कट्टर मुसलमान, वह उतना ज्यादा सेक्युलर होता है। योग शिक्षा पर आपत्ति करने वाले “बिन लादेन के वारिस” निश्चय ही परम सेक्युलर हैं। स्वामी रामदेव जी ने प्रेसवार्ता में ही सफाई दी कि योग सिखाकर वह मतान्तरण नहीं कर रहे। प्राचीन काल में योग पर भले भारत में ही सारे ग्रंथ लिखे गए हों, लेकिन आज तो योग पर ज्यादातर पश्चिमी लोग लिख रहे हैं। दुनिया का शायद ही कोई हवाई अड्डा हो, जहां पुस्तक विक्रय केन्द्र में योग पर पांच-दस किताबें न मिल जाती हों।
मैंने मुसलमान भाइयों को नमाज पढ़ते देखा है। जिस मुद्रा में वह नमाज पढ़ने के लिए बैठते हैं वह भी एक योगासन है। जिस तरह झुकते हैं वह भी एक योगासन है। जिस तरह खड़े होते हैं वह भी एक योगासन है। और निश्चय ही नमाजियों को इन योगासनों का शारीरिक और मानसिक लाभ होता होगा। मैं योगीराज रामदेव जी से यह कहना चाहता हूं आपने योग क्रांति की शुरुआत कर दी होगी, लेकिन आप यह न भूलें कि योग हिन्दू जीवन पद्धति की विरासत है और इसीलिए वह साम्प्रदायिक है। सेक्युलेरियाग्रस्त चिंतन प्रणाली का यह दृढ़ विश्वास है। आप करते रहिए योग क्रांति। आप रहेंगे साम्प्रदायिक के साम्प्रदायिक। आपके साम्प्रदायिक होने का इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा? आप भगवा वस्त्र पहनते हैं। भगवा वस्त्र पहनने वाला आदमी सेक्युलर कैसे हो सकता है?
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