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सेठिया जी की कलम बनी पिछड़ों की आवाजप्रतिनिधिहाल ही में राजस्थान परिषद् (कोलकाता) की ओर से श्री कन्हैयालाल सेठिया के 87वें जन्मदिन पर “कन्हैयालाल सेठिया समग्र” ग्रंथ का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष और शिक्षा एवं सेवा क्षेत्र में अग्रणी श्री सरदारमल कांकरिया ने कहा कि श्री सेठिया केवल राजस्थानी समाज के लिए ही नहीं, पूरे देश का गौरव हैं। प्रधान वक्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री विश्वम्भर नेवर ने कहा कि सेठिया जी का पूरा जीवन संघर्ष में बीता है। वे हिन्दी एवं राजस्थानी साहित्य के कीर्ति स्तम्भ व स्वतंत्रता सेनानी हैं। वरिष्ठ साहित्य सेवी श्री नन्दलाल शाह ने कहा कि उन्होंने आम आदमी, गरीबी व शोषण को दूर करने के लिए किसान, मजदूर व दलितों की आवाज को अपनी रचनाओं में बुलन्द किया। “समग्र” के सम्पादक व परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री जुगलकिशोर जैथलिया ने उन्हें बहु-आयामी व्यक्तित्व बताया। बाईंओर दिए चित्र में “समग्र” का लोकार्पण करते हुए दिखाई दे रहे हैं मंचस्थ गण्यमान्यजन।प्रतिनिधिNEWS
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