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जन जागरण को निकला स्वदेशी जागरण मंचजनविरोधी यह सरकारनई दिल्ली में स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं की पदयात्रा। मध्य में हैं श्री मुरलीधर रावछाया: पाञ्चजन्य/हेमराज गुप्ताकोलगेट, पेप्सी, कोकाकोलापहने हैं सब खूनी चोला।।विदेशी बीज, विदेशी खाददेश की खेती, करे बरबाद।।स्वदेशी जागरण मंच का पैगामसबको दो मकान, कपड़ा, काम।।जन्तर-मन्तर पर सभा को सम्बोधित करती हुईंसुश्री उमा भारती। उनके साथ हैं (बाएं) श्री मुरलीधर राव एवं (दाएं) श्री अश्विनी महाजनस्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ता इन दिनों देश के विभिन्न प्रान्तों में ये नारे गुंजाते हुए “चेतावनी पदयात्रा” कर रहे हैं। 11 सितम्बर से 15 अक्तूबर, 2005 के बीच हर प्रान्त में यह पदयात्रा 10 दिन के लिए होगी। अब तक उ.प्र., राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल एवं गुजरात में पदयात्रा हो चुकी है। दिल्ली में 17 से 22 सितम्बर तक यह यात्रा हुई। इसकी शुरुआत 17 सितम्बर को राजघाट से हुई। इस अवसर पर पूर्व रक्षामंत्री श्री जार्ज फर्नांडीस, वरिष्ठ स्वदेशी चिन्तक श्री गोविन्दाचार्य, स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संयोजक श्री मुरलीधर राव, दिल्ली प्रान्त के संयोजक श्री अश्विनी महाजन सहित बड़ी संख्या में स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ता उपस्थित थे। श्री मुरलीधर राव के नेतृत्व में दिल्ली में कुल 6 दिन तक चली इस पदयात्रा का समापन 22 सितम्बर को जन्तर-मन्तर पर हुआ। इस अवसर पर भाजपा नेता सुश्री उमा भारती विशेष रूप से उपस्थित थीं। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन की नीतियों को घातक बताते हुए कहा कि विकसित देश इसके माध्यम से विकासशील देशों को और अधिक गरीब बनाना चाहते हैं। यात्रा के उद्देश्यों के बारे में श्री मुरलीधर राव ने पाञ्चजन्य को बताया कि दिसम्बर, 2005 में हांगकांग में विश्व व्यापार संगठन से जुड़े देशों के वाणिज्य मंत्रियों की बैठक होने वाली है। उस बैठक में हमारी सरकार अमरीका तथा अन्य यूरोपीय देशों एवं विदेशी पूंजी के प्रभाव में न आए और भारत के हित से जुड़े मुद्दों को दमदारी के साथ रखे- सरकार को यह सन्देश देना हमारा पहला उद्देश्य है। दूसरा उद्देश्य है जन सामान्य को विश्व व्यापार संगठन की विभेदकारी नीतियों के प्रति जागरुक करना। और तीसरा उद्देश्य है संप्रग सरकार की महंगाई बढ़ाने वाली आर्थिक नीतियों के विरुद्ध देशवासियों को सचेत करना। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई बढ़ रही है। इन नीतियों को तुरन्त छोड़ना होगा। प्रान्तस्तरीय पदयात्राओं में वक्ताओं ने राज्य सरकारों से बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को सुधारने की भी मांग की।- प्रतिनिधिNEWS
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