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बुद्धदेव पर बिफरे मुस्लिम संगठनप.बंगाल के मुख्यमंत्री श्री बुद्धदेव भट्टाचार्य आजकल एक नई मुसीबत में फंस गए हैं। बंगाल के कई प्रमुख इस्लामी संगठन उनके उस बयान पर खासे नाराज हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि “बंगलादेश का जिहाद अब बंगाल में भी पैर पसार रहा है।” मुख्यमंत्री इसके पूर्व भी ऐसे बयान दे चुके हैं जिसमें उन्होंने बंगाल के मुसलमानों के एक वर्ग पर जिहादी गतिविधियों में शामिल होने और आई.एस.आई. के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है।बंगाल के अनेक मुस्लिम संगठन, जिनमें बंगाल मुस्लिम परिषद् प्रमुख है, ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी पर कड़ा प्रतिवाद किया है। परिषद् के महासचिव अहमद हसन इमरान के अनुसार या तो “मुख्यमंत्री इन आरोपों का ठोस प्रमाण रखें या फिर अपने मंत्रियों का इस सन्दर्भ में बोलना बन्द करवाएं।” मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बंगाल मुस्लिम परिषद ने धमकी भरे अंदाज में कहा है कि शीघ्र ही मुख्यमंत्री को उनके आरोपों का उत्तर मिल जाएगा।योहाना बने यूसुफ मोहम्मद!घर वालों को पता भी नहीं चला और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के एकमात्र ईसाई क्रिकेटर यूसुफ योहाना मुसलमान बन गए। गत 16 सितम्बर को यूसुफ के लाहौर की एक मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद ही उनके माता-पिता को पता चला कि यूसुफ योहाना अब मतांतरित हो चुके हैं। वैसे यूसुफ की मां के अनुसार उन्हें पहले से ही कुछ सन्देह था। वह कहती हैं कि इस मतांतरण के लिए पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर सईद अनवर का भाई जावेद जिम्मेदार है, उसी ने उनके बेटे को उनसे दूर कर दिया। उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक रूप से यह पता चलने पर कि योहाना ने इस्लाम कबूल लिया है, उसे घर में घुसने से रोक दिया गया। यूसुफ के नाते-रिश्तेदार इस घटना से इतने आहत हैं कि उन्होंने उसके साथ अपना नाम जोड़े जाने से भी इंकार कर दिया। यूसुफ की मां कहती हैं कि ये हमारे परिवार के लिए अत्यंत भयावह और दिल दहलाने वाली बात है, उसने ऐसा क्यों किया, हम समझ नहीं पा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार घटना का एक और पहलू है, जिस पर लोगों का ध्यान गया है। यूसुफ को आस्ट्रेलिया-पाकिस्तान क्रिकेट श्रृंखला में दो बार कप्तानी का अवसर उस समय मिला जब कप्तान इंजमामुल हक चोटग्रस्त होने के कारण मैदान से बाहर हो गए थे। पाकिस्तानी क्रिकेट समीक्षकों के अनुसार योहाना का प्रदर्शन बहुत उम्दा था। लेकिन कुछ ही समय बाद उसकी जगह यूनुस खान को दे दी गयी। तब एक प्रसिद्ध क्रिकेट पत्रिका ने लिखा भी था, “उसका मजहब इसके पीछे एक बड़ा कारण था।”न्यूयार्क में मीरवायज!भारत सरकार कश्मीर मामले में पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता पर ही जोर देती रही है। लेकिन कुछ समीक्षक मानते हैं कि सरकार ने अघोषित रूप से हुर्रियत कान्फ्रेंस को तीसरे पक्ष के रूप में मान्य कर लिया है। हुर्रियत के नेता पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर का दौरा करने के बहाने बिना वीसा-पासपोर्ट इस्लामाबाद जाकर पहले ही भारत के कायदे-कानूनों का मजाक उड़ा चुके हैं। गत 5 सितम्बर को हुर्रियत नेता मीरवायज उमर फारूख ने प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से नई दिल्ली में एक प्रतिनिधिमण्डल के साथ मुलाकात भी की थी। बहरहाल, पिछले दिनों प्रधानमंत्री न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र संघ के सम्मेलन में भाग लेने गए थे। पीछे-पीछे मीरवायज उमर फारूख भी न्यूयार्क पहुंच गए। वहां डा. मनमोहन सिंह की पहले से पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ से मुलाकात तय थी। दूसरी ओर मीरवायज ने भी न्यूयार्क में 16 सितम्बर को दो घंटे तक जनरल मुशर्रफ से मुलाकात की। जाहिर है कि बिना भारत सरकार की सहमति के अमरीकी वीसा और पासपोर्ट मीरवायज को मिल नहीं सकता। मीरवायज को न्यूयार्क में देखकर जहां भारतीय कूटनीतिक चर्चा कर रहे थे, वहीं पाकिस्तानी खेमे में भी चहलकदमी बढ़ गई थी।NEWS
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