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प्रेम कुमार का तबादलाकांची के शंकराचार्य स्वामी जयेन्द्र सरस्वती जी के खिलाफ नफरत की मुहिम छेड़ने वाले कांचीपुरम के पुलिस उपाधीक्षक प्रेम कुमार का अंतत: चेन्नै तबादला कर दिया गया। अनेक तरह के घृणित आरोपों से घिरे प्रेम कुमार के विरुद्ध मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कर्पगविनायकम ने बहुत पहले आदेश दिया था कि राज्य सरकार उनके खिलाफ मामला दायर करे और अदालत के आदेश की स्वीकारोक्ति का शपथ पत्र दाखिल करे। प्रेम कुमार के विरुद्ध आपराधिक षड्यंत्र और आपराधिक व्यवहार को उकसाने के आरोप भारतीय दंड संहिता की धारा 197(1)(ब) के तहत लगाए गए थे।उल्लेखनीय है कि अदालत के आदेश पर राज्य सरकार ने मई, 2003 में प्रेम कुमार के खिलाफ मामला दायर कर दिया था। इसकी पुष्टि सी.बी.सी.आई.डी. (तृतीय) के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने की थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री जयललिता ने प्रेम कुमार का तबादला इसी विभाग में कर दिया है, यानी सी.बी.सी.आई.डी. (तृतीय) चेन्नै। प्रेम कुमार के खिलाफ चल रही अदालती कार्रवाई का क्या हुआ? संभव है प्रेम कुमार ने स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया हो। लेकिन अगर उसने स्थगन आदेश ले भी लिया हो तो भी उसे उसी विभाग में भेजना, जिसने मुकदमे की आज्ञा दी थी, आपराधिक पागलपन नहीं तो और क्या है?राज्यपाल की रपट से बेहाल गोगोईजब से असम के राज्यपाल अजय सिंह ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को बंगलादेश से बड़ी संख्या में असम में निर्बाध घुसपैठ पर अपनी रपट भेजी है, राज्य की गोगोई सरकार की नींद उड़ी हुई है। राज्य सरकार कट्टर मजहबी संगठन जमीयत उलेमा ए हिन्द की उस धमकी से भी परेशान है जिसमें मुसलमानों के लिए आरक्षण और लोकसभा व विधानसभा क्षेत्र निर्धारित किए जाने की मांग की गई है। जमीयत ने कहा है कि अगर छह महीने में उसकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे सरकार गिरा देंगे। 3 अप्रैल को गुवाहाटी में सम्पन्न जमीयत की रैली में इस संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना असद मदनी ने यह धमकी दी है।बहरहाल, राज्यपाल अजय सिंह की रपट के अनुसार बंगलादेश से सटी असम की सीमा दुनिया में सबसे छिद्रित सीमा है और यहां से रोजाना करीब 6000 बंगलादेशी असम में प्रवेश कर रहे हैं जो निहित स्वार्थी तत्वों की शह पर फल-फूल रहे हैं। इस रपट के कुछ हिस्से “गोपनीय” हैं, जिनमें अवैध घुसपैठ के खतरों और सीमा पर तुरंत बाड़ लगाने की बात की गई है। रपट के अनुसार, इतनी बड़ी मात्रा में हो रही घुसपैठ आई.एस.आई. और अल कायदा सरीखे गुटों की गतिविधियों में सहायक हो रही है। उल्लेखनीय है कि निचले असम के छह जिले पहले ही मुस्लिमबहुल बन चुके हैं।अब पुलिस संभालेगी पुस्तकें?क्याआप जानते हैं कि नेशनल बुक ट्रस्ट (इंडिया) की नई निदेशक कौन हैं? नई निदेशक हैं श्रीमती नुजहत हसन, जिन्होंने गत 21 फरवरी को पदभार संभाला है। जानते हैं ये श्रीमती हसन कौन हैं और पुस्तकों या साहित्य विधा से कैसे जुड़ी हैं? श्रीमती हसन 1991 बैच की भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी हैं। पुस्तकों और साहित्य से उनका कोई निकट सम्बंध नहीं है। हां, दिल्ली विश्वविद्यालय से रसायनशास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि जरूर प्राप्त हैं। उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से जनसंचार में भी स्नातकोत्तर उपाधि अर्जित की है। नेशनल बुक ट्रस्ट की निदेशक बनने से ठीक पहले तक वे पूर्वी दिल्ली की पुलिस उपायुक्त थीं। इससे पहले भी 10 साल तक वे पुलिस विभाग में ही विभिन्न पदों पर रही थीं। अरुणाचल प्रदेश की यातायात पुलिस अधीक्षक, भ्रष्टाचार विरोधी शाखा में उपायुक्त और नई दिल्ली जिले की पुलिस उपायुक्त रही हैं। हां, “द मार्जिनल” नाम से उनका एक कहानी संग्रह जरूर छपा है, बस!NEWS
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