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पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहलेवर्ष 9, अंक 14, आश्विन कृष्ण 9, सं. 2012 वि., 10 अक्तूबर, 1955, मूल्य 3आने- सम्पादक : गिरीश चन्द्र मिश्रप्रकाशक – श्री राधेश्याम कपूर, राष्ट्रधर्म कार्यालय, सदर बाजार, लखनऊमुजफ्फरनगर में भीषण गोहत्याजनसंघ-कार्यकर्ताओं ने कसाई पकड़वाये(विशेष प्रतिनिधि द्वारा)मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश में गोहत्या-निषेध विधेयक विधान परिषद् तथा विधानसभा द्वारा पारित हो चुका है किन्तु राज्य में गोहत्या में अभी कमी नहीं हुई है। यहां से कुछ मील दूर वासी ग्राम में अभी हाल में जनसंघ के कार्यकर्ताओं ने एक कसाई के घर से 6 कटी गायों तथा कटने के लिए तैयार खड़े किए गए 3 बैलों को बरामद किया। इस अपराध में अभी तक 9 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं। पूर्ण घटना इस प्रकार है- 30 सितम्बर, 1955 को वासी ग्राम, थाना बुढ़ाना के ग्रामीणों ने स्थानीय जनसंघ के कार्यकर्ताओं को सूचित किया कि उनके गांव में कसाइयों द्वारा भारी संख्या में गायें काटी जा रही हैं। समाचार सुनते ही कार्यकर्ता वासी की ओर चल पड़े और रात्रि के 12 बजे उन्होंने घटनास्थल को घेर लिया। बात सच थी। उस समय तक पांच गायें तथा एक बैल काटे जा चुके थे। बैल की तो अभी खाल भी नहीं उतर पाई थी। इसके अतिरिक्त 3 बैल और काटने के लिए घटनास्थल पर बंधे हुए थे।जनसंघ का कार्यालय लूटा गयागुंडों और पुलिस की सांठगांठ(विशेष प्रतिनिधि द्वारा)उस्का बाजार (बस्ती): समाचार प्राप्त हुआ है कि क्षेत्रीय पुलिस का विरोध करने के कारण धर्मसिंहवा बाजार जनसंघ का कार्यालय जो चार महीनों से जनता की सेवा कर रहा है पुलिस के दलालों, स्थानीय मास्टरों तथा उस क्षेत्र के जुल्मी जमींदारों द्वारा लुटवा लिया गया तथा जनसंघ का झंडा जला दिया गया। इसके अतिरिक्त स्थानीय कार्यकर्ता श्री वंशीधर चौधरी से कहा गया कि शीघ्र इस स्थान को छोड़कर भाग जाओ नहीं तो जान से मार डाले जाओगे। इसकी सूचना पुलिस स्टेशन, उस्का बाजार को रजिस्ट्री द्वारा दी गयी तथा इस सम्बंध में स्थानीय जनसंघ का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधीश से मिला। उसने अन्य क्षेत्रीय समस्याओं के साथ-2 उपर्युक्त सारी घटना की शिकायत लिखित रूप में उनसे की। पुलिस सर्किल इन्सपेक्टर से भी इस सिलसिले में बातचीत की गयी। इसका परिणाम यह हुआ कि जनसंघ के स्थानीय कार्यकर्ता वंशीधर चौधरी को मदुवापुर के कुछ जुल्मी जमींदारों ने बहुत बुरी तरह पीटा और बन्दूक सीने पर रख दी और कहा, “क्या फिर कभी नायब दरोगा तथा हम लोगों के खिलाफ कुछ बोलोगे?” बड़ी मुश्किल से उक्त कार्यकर्ता की जान बख्शी गई और कहा गया कि “अपने अन्य साथियों से जाकर कह देना कि यदि कोई ऐसा विरोध करेगा तो उसका गला काट लेंगे, गोली मार देंगे; घर लुटवा लेंगे।” इसकी भी सूचना पुलिस स्टेशन को दी गई परन्तु कोई सुनवाई अभी तक नहीं हुई।असम प्रदेश की चिट्ठीसंसार से “भारत माता की जय” बुलवाकर रहेंगेसंघ के अ.भा. बौद्धिक प्रमुख आप्टेजी का शिलांग में भाषण(निज प्रतिनिधि द्वारा)शिलांग: असम के मुख्य-मुख्य स्थानों का भ्रमण करते हुए रा.स्व.संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख श्री बाबा साहब आप्टे का शिलांग में आगमन हुआ। स्थानीय स्वयंसेवकों के बीच उनका सारगर्भित भाषण हुआ। भाषण का आरम्भ “भारतमाता की जय” से हुआ। आप्टे जी ने अपना भाषण प्रारम्भ करते हुए कहा “हम इस देश को अपनी जन्मभूमि मानते हैं, मातृभूमि मानते हैं। उसका पयपान कर हम बड़े हुए हैं। उसने हमें ज्ञान दिया है, शक्ति दी है। हमारे ऊपर सदा उसने स्नेहपूर्ण हाथ रखा है। वह भोग्या नहीं पूज्या है, वन्दनीया है। मां के इस आकार को देखने के लिए चर्मचक्षु नहीं, अन्तर्चक्षु पाइए। संघ के स्वयंसेवक इसी अन्तर्चक्षु से मां के अन्तरंग रूप को देखते हैं। हम इसी विशाल मां की जय कामना करते हैं।” भाषण का उपसंहार करते हुए उन्होंने कहा, “हमारा जन्म ऐसी ही भूमि से हुआ है। हम संघ के स्वयंसेवक अपनी मां का गौरव बढ़ायेंगे। गौरव बढ़ाने में अपने शरीर का तिलतिल क्षय कर देंगे। जिस प्रकार गत 1925 से कार्य करते आ रहे हैं उससे भी अधिक लगन और उत्साह के साथ आगे भी कार्य करेंगे और “भारत माता की जय” विश्व से कहलाकर रहेंगे। हम सभी स्वयंसेवक ऐसा निश्चय करके काम में लग जाएं। यह मेरा संघ की ओर से सन्देश है।”18
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