400 वां प्रकाशोत्सव
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

400 वां प्रकाशोत्सव

by
Dec 9, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 09 Dec 2004 00:00:00

प्यार और भाईचारे का संदेशस्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के बाद प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह और निवर्तमान प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी गुरु ग्रंथ साहिब का”जोबोले सो निहाल-सत् श्री अकाल”, “एक ओंकार”, “सत् नाम श्री वाहे गुरु”। अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर परिसर में गूंजते ये पवित्र उद्घोष मानो पूरे वातावरण में श्रद्धा का विस्तार कर रहे थे। अवसर ही ऐसा था कि जिस पर केवल सिख धर्मावलम्बी ही नहीं, सभी मत-पंथों के लोग, आस्थावानजन गुरु की वाणी गुरुवाणी के शब्द-शब्द के प्रति श्रद्धा-व्यक्त कर रहे थे।स्वर्ण मंदिर परिसर में गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के साथ श्रद्धालुजन।यूं तो देश-विदेश के सभी गुरुद्वारों में विशेष सजावट और शबद-कीर्तन का आयोजन हुआ था, परन्तु स्वर्ण मंदिर की आभा तो देखते ही बनती थी। हरिमंदिर साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब को मत्था टेकने आने वाले श्रद्धालुजन की कतार दूर तक बंधी थी। एक अद्भुत जन-सैलाब। सिर पर केसरिया पग, नहीं तो “एक ओंकार” अंकित केसरिया वस्त्र। हर कोई बढ़ा आ रहा था उस दिन गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन करने, मत्था टेकने, लंगर छकने और कड़ा प्रसाद पाने। पवित्र सरोवर के जल का आचमन कर मानो श्रद्धासुमन जन्मोजन्म की पुण्याई अर्जित करना चाहते थे। प्रेम और भाईचारे का एक ऐसा अनूठा दृश्य कि मन के भीतरी कोने तक श्रद्धाभाव तिर जाए।देश-विदेश, गांव-देहात, बस्ती-चौबारे तक से श्रद्धालु वहां पहुंचे थे, तो अध्यात्म के शिखर पुरुष और राजनीति के पुरोधा भी। भारत के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम, प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, निवर्तमान प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सरदार प्रकाश सिंह बादल मत्था टेकने पहुंचे थे। परम पावन दलाई लामा तो गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन करके आत्मविभोर हो उठे। “आर्ट आफ लिविंग” के श्री श्रीरविशंकर ने इस उत्सव को सबमें प्रेम प्रसारित करने वाला उत्सव कहा।दर्शनी ड्योढ़ी से लेकर दूर तक, जहां तक नजर जाती थी, एक सुव्यवस्थित, अनुशासित जनसागर था। पालकी पर सज्जित गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर जब परिसर में प्रदक्षिणा दी जा रही थी, तो हर कोई उस पालकी का स्पर्श करने को उत्सुक हो उठा था।400वां प्रकाशोत्सव प्रेम का उत्सव है, भाईचारे का उत्सव है, सांझी विरासत के प्रति श्रद्धा का उत्सव है, गुरुओं द्वारा दिखाए सच्चे मार्ग का अनुसरण करने का उत्सव है, सांझी विरासत के प्रति श्रद्धा का उत्सव है, भेदभाव रहित समाज और “एक ओंकार” का उत्सव है।इस उत्सव के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय सिख संगत द्वारा अगस्त माह में “सरब सांझी गुरुवाणी यात्रा” आयोजित की जानी थी। परन्तु कांग्रेसी प्रभाव वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से सिख संगतों और सिंह सभाओं को इस यात्रा में सहयोग न देने का आदेश जारी कर दिया था। राष्ट्रीय सिख संगत ने इस पावन अवसर को किसी भी तरह के अशोभनीय प्रदर्शन या टकराव से विरत रखने की दृष्टि से यात्रा आयोजन रद्द कर दिया था।पर शायद गुरु की कृपा से प्रेम का पंथ फिर प्रकटा। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मंत्री दलमेघ सिंह खटड़ा ने 14 अगस्त को राष्ट्रीय सिख संगत को पत्र लिखकर प्रकाशोत्सव में सहभागी होने का न्योता दिया। श्री खटड़ा ने पत्र में लिखा कि “30 अगस्त से 1 सितम्बर, 2004 तक रामसर साहिब से गुरुद्वारा दीवान हाल मंजी साहिब में सम्पन्न होने जा रहे धार्मिक समागम में आपको निमंत्रित करके मान और प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।””एक पिता एकस के हम बारिक”, “मानस की जात सबै एके पहिचानिबो” का शाश्वत् संदेश गुंजाने वाली दशम गुरु की वाणी। “अव्वल-अल्लाह-नूर उपाया, कुदरत के सब बंदे”, गुरुबानी का यह सूत्र आज के संदर्भ में कितना कुछ कह जाता है। गुरुओं ने कैसे सहज-सरल शब्दों में मानो जीवन का सार जनसाधारण के सामने रखा है। “कल तारण गुरुनानक आया, कलयुग बाबे तारया, सतनाम पढ़ मंत्र सुणाया।”-प्रभुवाणी का यह 400वां प्रकाशोत्सव सभी को तारे, यही कामना।आलोक गोस्वामी14

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies