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नईदुनिया द्वारा संकलित निधि एक किसान को सौंपते हुए म.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह। साथ में हैं नईदुनिया के प्रधान सम्पादक श्री अभय छजलानीनई दुनिया के सेवा कार्यकार्य राशि 1. जल-संवद्र्धन हेतु 87,500 रु. 2. आंध्र तूफान राहत कोष के लिए 6,75,000 रु. 3. लातूर भूकम्प पीड़ितों की सहायता के लिए 28,00,000 रु. 4. गुजरात भूकम्प पीड़ितों की सहायतार्थ 38,50,000 रु. कुल – 74,12,500 रु. मध्य प्रदेश के अग्रणी समाचारपत्रों में से एक हिन्दी दैनिक नईदुनिया ने 8 दिसम्बर, 1997 को अपना स्वर्ण जयन्ती समारोह मनाया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री एच.डी. देवेगौड़ा थे। उन्हीं की उपस्थिति में पत्र के मुख्य सम्पादक श्री अभय छजलानी ने सेवा क्षेत्र में कदम रखने का निर्णय लिया। इसके बाद 31 दिसम्बर, 1997 को “नईदुनिया जनसेवा न्यास” का गठन हुआ। पत्र की ओर से इस न्यास में 41,501 रु. जमा किए गए। पर इतनी कम राशि में क्या हो सकता था, अत: समाचारपत्र के मूल्य में 5 पैसे की वृद्धि की गई और इस तरह न्यास के खाते में 15 लाख रुपए वार्षिक जमा हो रहे हैं। इस राशि का सबसे पहले उपयोग जल संवद्र्धन के लिए किया गया। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में वर्षा जलसंग्रहण और भूजल पुनर्भरण के लिए अनेक संगठन काम कर रहे हैं। नईदुनिया सेवा न्यास इन संगठनों को अब तक 87,500 रु. की सहायता दे चुका है। इसके अतिरिक्त न्यास ने सिंचाई के लिए नालों आदि का निर्माण भी कराया है। न्यास ने विकलांगों के पुनर्वास के लिए “विकलांग पुनर्वास केन्द्र” नामक एक संस्था को 3 लाख रुपए का सहयोग भी दिया। इस पत्र ने प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित लोगों की यथासंभव सहायता की है। 1977 में आंध्र तूफान राहत कोष के लिए 6,75,000 रु, लातूर और गुजरात भूकम्प पीड़ितों के लिए क्रमश: 28 लाख रु. और 38,50,000 रु. पाठकों से एकत्र कर सम्बंधित सरकारों को सौंपे गए। न केवल आपदा के समय बल्कि हर सामाजिक गतिविधि में शामिल होना नईदुनिया की पहचान रही है। मालवा क्षेत्र में लकड़ी की कटाई को रोकने के लिए यह पत्र अभी भी प्रयास कर रहा है। इससे लकड़ी की कटाई में बहुत कमी आई है। नईदुनिया ने लोगों से आग्रह किया कि होली के अवसर पर लकड़ी न जलाएं और सूखी होली खेलने के लिए हर धुलैंडी के दिन नईदुनिया के प्रत्येक अंक के साथ गुलाल की एक पुड़िया पाठकों को दी जाती है। इससे इन्दौर में सूखी होली खेलने की एक परम्परा-सी बनती जा रही है। इसके अतिरिक्त नईदुनिया समय-समय पर शिक्षा, स्वास्थ्य, खेलकूद आदि के क्षेत्रों में भी अपना सहयोग देता है।17
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