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हिन्दुत्व विरोधियों ने एक बार फिर आई.डी.आर.एफ. को निशाना बनाया
-प्रतिनिधि
श्री विनोद प्रकाश
हिन्दुत्व विरोधियों द्वारा एक बार फिर षडंत्रपूर्वक इंडियन डवलपमेंट रिलीफ फंड (भारत विकास राहत कोष) के श्री विनोद प्रकाश को निशाना बनाया गया। पिछले दिनों फेडरेशन आफ इंडियन अमरीकन्स नेशनल कैपिटल रिजन (एफ.आई.ए.एन.सी.आर.) द्वारा एशियाई अमरीकी विरासत माह मनाया गया। इसमें एक माह तक विभिन्न कार्यक्रमों की श्रंृखला का आयोजन किया गया। इन्हीं में से एक कार्यक्रम में अमरीका में बसे भारतीय मूल के सेवाभावियों को सम्मानित किया गया।
संस्था द्वारा पहले भी भारतीय मूल के अमरीकी समाजसेवियों को उनके कार्य के लिए सम्मानित किया जाता रहा है। इस वर्ष सम्मान के लिए चयनित सेवाभावियों में श्री विनोद प्रकाश का नाम भी था, लेकिन आयोजन स्थल पर उन्हें सम्मान नहीं, बल्कि अपमान मिला।
संस्था के आमंत्रण पर जब श्री विनोद प्रकाश अपनी पत्नी श्रीमती सरला प्रकाश के साथ आयोजन स्थल पर पहुंचे तो संस्था के कार्यकर्ताओं ने उन्हें सम्मानितों के लिए आरक्षित मेजों तक पहुंचाया। इसके बाद सम्मान समारोह शुरू हुआ और कुमार बर्बे तथा फस्र्ट लेफ्टिनेंट शिबली चाको को सम्मानित किया गया। इसके पश्चात् उद्घोषणा के लिए सम्मान समिति के अध्यक्ष श्री हरिहर सिंह मंच पर आए और अपराधभाव दिखाते हुए मंच से घोषणा की कि समिति ने श्री विनोद प्रकाश को सम्मान देने पर सहमति नहीं दी। इसलिए उन्हें मंच पर बुलाकर सबसे उनका सिर्फ परिचय कराया जाएगा।
यह सरासर अपमान था। अपमान की टीस को “इंडिया पोस्ट” के सामने शब्द देते हुए श्री प्रकाश ने कहा, “यह सचमुच अपमानजनक है। ऐसा कोई कारण नहीं था कि वे मुझे बुलाकर इस तरह अपमानित करते।” उनके अनुसार, उन्हें श्री हरिहर सिंह की ओर से एक ई-मेल भेजा गया था, जिसमें लिखा था, “आपको यह सूचित करते हुए मुझे खुशी हो रही है कि फेडरेशन आफ इंडियन- अमरीकन एसोसिएशन द्वारा आपको वर्ष 2004 के एफ.आई.ए. एन.सी.आर. समाजसेवा सम्मान के लिए चुना गया है। विरासत माह उत्सव के दौरान 23 मई, 2004 को (5.00 से 9.00 बजे सायं) आप यह सम्मान ग्रहण करने के लिए पोटो मैक कम्युनिटी सेंटर, पोटोमैक, मैरीलैण्ड पधारें। इस समारोह में आप सपत्नीक आमंत्रित हैं।”
श्री प्रकाश ने संस्था की अध्यक्ष एन. पिल्लै के प्रति नाराजगी व्यक्त की, जिन्होंने सम्मान समारोह से एक दिन पहले उनसे दूरभाष पर बात की थी। श्री प्रकाश के अनुसार, “श्रीमती एन. पिल्लै ने फोन पर मुझे जानकारी दी कि कल वे एक समारोह में उन्हें एफ.आई.ए. एन.सी.आर. समाजसेवा सम्मान प्रदान करेंगी। उनसे 35 मिनट तक फोन पर बातचीत चलती रही। हालांकि बात-बात में उन्होंने यह तो कहा था कि सम्मान के लिए उनके चयन पर विवाद खड़ा हुआ था। निश्चित रूप से मेरे नाम पर विवाद खड़ा होने का कारण वह समाचार है, जिसमें आई.डी.आर.एफ. पर प्रहार किया गया है। इस समाचार का शीर्षक है – “घृणा का विदेशी मुद्रा व्यापार: आई.डी.आर. एफ. और अमरीकियों द्वारा हिन्दुत्व को आर्थिक मदद।” मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि इस प्रकार (विशेष रूप से ई-मेल और पिं्रट मीडिया के जरिए) दुष्प्रचार के बावजूद किसी भी सरकारी संस्था ने आई.डी.आर.एफ. के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है। यही कारण है कि अमरीका के विभिन्न राज्यों में संस्था का पंजीकरण बरकरार है और उसे कर में छूट भी दी गई है। इतना ही नहीं आई.डी.आर.एफ. ने 2002 का आयकर रिटर्न भी भरा है और उसकी आडिट रपट में कहीं कोई आपत्ति नहीं जतायी गई।”
एफ.आई.ए. समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि श्री सतीश मिश्रा की संस्तुति पर श्री विनोद प्रकाश का नाम चुना गया था। और सम्मान समिति के अध्यक्ष श्री हरिहर सिंह ने जो कि बोर्ड के सदस्य नहीं हैं, बोर्ड के सदस्यों से सलाह-मशविरा किए या उन्हें सूचना दिए बिना ही श्री प्रकाश को ई-मेल पर सूचना दे दी।
कारण चाहे जो भी हो अंतत: समारोह में आमंत्रित करके भी श्री प्रकाश को बिना सम्मान के खाली हाथ लौटा दिया गया।
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