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अकाल पीड़ितों के बीच अन्न का वितरण करते हुए राजस्थान पत्रिका के कार्यकर्ता
राजस्थान के सबसे लोकप्रिय समाचार पत्र “राजस्थान पत्रिका” का प्रकाशन 1956 में शुरू हुआ था। इसके संस्थापक श्री कर्पूर चन्द कुलिश ने इस पत्र को प्रारंभ से ही जनसेवा का भी एक माध्यम बनाया। उन्होंने 19 फरवरी, 1982 को “जन-मंगल पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट” का गठन कर जनसेवा का बीड़ा उठाया। पत्रिका ने सन् 1991 में उत्तराञ्चल के गढ़वाल क्षेत्र में, 1993 में महाराष्ट्र के लातूर में और 2001 में गुजरात में आए भूकम्प से प्रभावित लोगों की सहायता करने का निर्णय लिया और अपने न्यास के माध्यम से गढ़वाल, लातूर और गुजरात के भूकम्प पीड़ितों की सहायता के लिए क्रमश: 2,01,000 रुपए, 45,11,111 रुपए और 1,69,00,000 रुपए एकत्र कर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री राहत कोष में भेंट किए। इसके अलावा न्यास ने पीड़ितों को कम्बल, दवाइयां आदि भी उपलब्ध करायीं। इसी प्रकार 1999 में उड़ीसा में आए भीषण चक्रवात से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए भी यह पत्र आगे आया और अल्प समय में ही अपने पाठकों से 31,28,312 रुपए की राशि एकत्र कर मुख्यमंत्री सहायता कोष में भेंट की।
राजस्थान पत्रिका के सेवा कार्य
कार्य
राशि
1. गढ़वाल भूकम्प पीड़ितों की सहायता के लिए
2,01,000 रु.
2. लातूर भूकम्प पीड़ितों की सहायता के लिए
45,11,111 रु.
3. गुजरात भूकम्प पीड़ितों की सहायता के लिए
1,69,00,000 रु.
4. उड़ीसा के चक्रवात से प्रभावित लोगों की सहायतार्थ
31,28,312 रु.
5. कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के परिवारों की सहायतार्थ
1,98,04,429 रु.
6. राज्यपाल अकाल सहायता कोष
1,10,20,245 रु.
7. अस्पतालों में जन-सुविधाओं के लिए
7,25,000 रु.
8. मनसागर बांध के पुनरुद्धार हेतु
40,00,000 रु.
9. क्रीड़ा स्थल के निर्माण के लिए
5,00,000 रु.
कुल –
6,07,90,097 रु.
कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवार वालों की सहायता के लिए इस पत्र ने “कारगिल शहीद परिवार कोष” की स्थापना की थी। देखते ही देखते इस कोष में भी 3,08,24,674 रुपए की एक बड़ी धनराशि जमा हो गई। इसके बाद पत्रिका के प्रतिनिधियों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं गण्यमान्य लोगों के साथ मिलकर शहीदों के घर पहुंचकर उनके आश्रितों को सहायता राशि भेंट की। ऐसे परिवारों की सहायता में 1,98,04,429 रुपए खर्च हुए। शेष राशि राजस्थान के अकाल पीड़ितों की सहायता के लिए “राज्यपाल अकाल सहायता कोष” में जमा की गई। पत्रिका “एक मुट्ठी अनाज” नाम से एक अन्य योजना भी चलाती है। इसके अन्तर्गत जमा हुए अनाज को अकालग्रस्त, वनवासी क्षेत्रों, मरुस्थलीय गांवों के अभावग्रस्त लोगों के बीच बांटा जाता है। अब तक 90 ट्रक अनाज बांटा गया है।
इसके अलावा जन-मंगल न्यास ने जयपुर के कैलगिरी अस्पताल में 5 लाख रुपए की लागत से एक वार्ड और सवाई मानसिंह अस्पताल के निकट रोगियों के परिजनों के ठहरने के लिए 2,25,000 रुपए की लागत से आश्रय स्थल का निर्माण कराया। जयपुर के समीप मनसागर बांध के पुनरुद्धार में भी इस पत्र ने 40 लाख रुपए खर्च किए। पत्रिका की ओर से जयपुर में 5 लाख रुपए खर्च करके एक क्रीड़ास्थल का निर्माण किया गया। इन बड़े-बड़े कार्यों के अतिरिक्त राजस्थान पत्रिका ने समाज के हर क्षेत्र में चल रहे कार्यों को यथासंभव आर्थिक सहायता देकर उन्हें संबल प्रदान किया है।
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