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अन्न, अक्षर और अवसर
-गोविन्दाचार्य, प्रख्यात विचारक
आज हम संक्रमण के दौर से गुजर रहे हैं। दुनिया में हिन्दुत्व की धमक पैदा करने के प्रख्यात विचारक श्री गोविन्दाचार्य ने उक्त विचार गत 13 दिसम्बर को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, विदिशा में आयोजित मध्यप्रदेश के 35 वें प्रान्तीय अधिवेशन में व्यक्त किये।
उपस्थित प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया को नये अर्थों में समझना होगा। वि·श्व व्यापार संगठन के भ्रमजाल को तोड़ना होगा। स्वतंत्रता के बाद सत्ता का चेहरा तो बदला लेकिन चाल वही साम्राज्यवादी रही। उन्होंने कहा कि विकास का ढांचा तय करते समय देश की भाषा-भूषा, भोजन और जीविका सर्वोपरि होनी चाहिए। हर नागरिक को अन्न, अक्षर और (रोजगार के) अवसर मिलने ही चाहिए।
600 प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुए इस तीन दिवसीय अधिवेशन में मुख्य वक्ता थे परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री रमेश पप्पा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वभाव से छात्र एवं छात्र संगठन व्यवस्था विरोधी होते हैं। लेकिन छात्र संगठन क्या-क्या कर सकता है, इसकी अवधारणा विद्यार्थी परिषद ने विकसित की है। आज छात्र विद्यार्थी परिषद के ध्वज तले संगठित होकर न सिर्फ छात्रों के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा व अखण्डता जैसे प्रश्ननों पर भी अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं।
इस अवसर पर भाजपा सांसद श्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य सरकार में मंत्री श्री राघव भाई, परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री विवेक सक्सेना, प्रांत अध्यक्ष श्री शशिरंजन अकेला, अधिवेशन संयोजक श्री अतुल शाह एवं अन्य गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे।
अनिल सौमित्र
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