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आजाद हिन्द फौज की ऐतिहासिक मोइरांग विजय की हीरक जयंती वर्ष में वीरों का सम्मानयदि नेताजी की उपेक्षा न की जाती तो…समारोह में मंचस्थ (बाएं से) डा. मृदुला सिन्हा, ले.जन. जे.एस. बक्शी (से.नि.), ले. जन. आर.पी. अग्रवाल (से.नि.), ले. जन. के.के. नंदा (से.नि.), मेजर जनरल विनोद भनोट (से.नि.) और एयर वाइस मार्शल एच.पी. सिंह (से.नि.)भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आजाद हिन्द फौज का विशिष्ट स्थान है। 14 अप्रैल, 1944 को आजाद हिन्द फौज ने मोइरांग (मणिपुर) को अंग्रेजों से मुक्त करा लिया था, वहां तिरंगा फहराया था। इस स्मृति में प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को आजाद हिन्द फौज दिवस मनाया जाता है। मोइरांग विजय का यह हीरक जयंती वर्ष है। इस निमित्त पूर्व सैनिक सेवा परिषद् और अखिल भारतीय आजाद हिन्द फौज समिति का एक संयुक्त दल दिल्ली से मोइरांग की यात्रा पर गया। मोइरांग में तिरंगा लहराकर लौटे इन वीरों का सम्मान करने हेतु पूर्व सैनिक सेवा परिषद्, दिल्ली तथा सैन्य मातृशक्ति, दिल्ली द्वारा गत 18 अप्रैल को आजाद हिन्द फौज दिवस समारोह-2004 आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता की परिषद् के पूर्व अध्यक्ष ले. जन. (से.नि.) राजेन्द्र पाल अग्रवाल ने और मुख्य अतिथि थे ले.जन. (से.नि.) जे.एस. बक्शी। समारोह के विशिष्ट अतिथि मेजर जनरल (से.नि.) विनोद भनोट और परिषद् के अध्यक्ष ले.जन. (से.नि.) के.के. नंदा ने आजाद हिन्द फौज के सेनानियों को सम्मानित किया। समारोह के विशिष्ट वक्ता थे वरिष्ठ पत्रकार डा. वेदप्रताप वैदिक तथा केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्षा डा. मृदुला सिन्हा। डा. वैदिक ने कहा कि नेताजी सुभाष की यदि तत्कालीन नेताओं द्वारा उपेक्षा नहीं की जाती तो यह देश 1940 में ही आजाद हो गया होता। डा. मृदुला सिन्हा ने कहा कि भारतीय इतिहास और राजनीति में नेताजी की भले ही उपेक्षा की गई हो परंतु लोकगीतों और लोककलाओं में उन्हें हमेशा याद रखा गया है।समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ.भा. प्रचार प्रमुख श्री श्रीकांत जोशी, वरिष्ठ स्तंभकार व इतिहासकार श्री देवेन्द्र स्वरूप, आजाद हिन्द फौज समिति के सचिव कैप्टन (से.नि.) एस.एस. यादव, सैन्य मातृशक्ति की महासचिव श्रीमती प्रेम वाही सहित अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे। प्रतिनिधि30
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