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नागपुर में स्व. मोरोपंत पिंगले छात्रावासमोहनराव भागवत ने नामकरण समारोह में छात्रों से कहा-“जैसे वे निर्भय और हंसमुख थे, वैसे ही छात्र बनो”छात्रावास नामकरण समारोह में (बाएं से) डा. श्रीराम जोशी,श्री कुप्.सी. सुदर्शन व श्री मोहनराव भागवतगत 23 जुलाई को एक सादे किन्तु गरिमामय समारोह में रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह श्री मोहनराव भागवत ने रेशिमबाग (नागपुर) स्थित छात्रावास का नामकरण किया “स्व. श्री मोरोपंत पिंगले छात्रावास”। इस छात्रावास का संचालन डा. हेडगेवार स्मारक समिति द्वारा किया जाता है। समारोह में उपस्थितजन को सम्बोधित करते हुए श्री भागवत ने उम्मीद जताई कि इस छात्रावास में रहकर अध्ययन करने वाले छात्र स्व. मोरोपंत की ही भांति निर्भय, हंसमुख एवं कर्तव्यपरायण होंगे। श्री भागवत ने छात्रों को स्व. मोरोपंत के जीवन को नजदीक से जानने की सलाह दी। उनकी असामान्य कार्यदक्षता, संयोजनशीलता, अभूतपूर्व धैर्य और कठिन से कठिन घड़ी का भी सफलतापूर्वक सामना करने के साहस जैसे गुण छात्रों को आत्मसात करने चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्या प्राप्त करना छात्रों का ध्येय है, परन्तु उस विद्या का राष्ट्रहित में सदुपयोग करना भी अत्यंत आवश्यक है।उल्लेखनीय है कि यह छात्रावास 22 जून, 1999 को केवल 7 छात्रों से शुरू हुआ था और आज यहां 110 छात्र रह रहे हैं। यह सुखद संयोग है कि इस छात्रावास का नाम डा. हेडगेवार और स्व. मोरोपंत से जुड़ा है। नामकरण समारोह में सरसंघचालक श्री कुप्.सी. सुदर्शन और विदर्भ प्रांत के सह प्रांत संघचालक डा. श्रीराम जोशी विशेष रूप से उपस्थित थे। (वि.सं.के., नागपुर)13
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