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अच्छे कामसेवा और ममत्वआश्रम के बच्चों के साथ श्री वेंकटेश गुरुनायकभगवान दत्तात्रेय की आराधना से जुड़े पुण्यस्थल गुलबर्गा (कर्नाटक) के निकट देवल गागणापुर के श्री दत्त बाल सेवाश्रम की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। कुष्ठ रोगियों के बच्चों की शिक्षा-दीक्षा एवं पालन-पोषण की यहां समुचित व्यवस्था है। मात्र आठ बच्चों से शुरू हुए इस आश्रम में इस समय 29 बालिकाएं एवं 36 बालक रह रहे हैं। उन बच्चों को पढ़ने के लिए सरकारी विद्यालयों में भेजा जाता है। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कार भी मिलें, इसका पूरा ध्यान रखा जाता है। आश्रम के सेवाभावी कार्यकर्ताओं की मेहनत का ही फल है कि यहां से शिक्षित होकर निकले अनेक बच्चे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आश्रम के संस्थापक हैं श्री वेंकटेश गुरुनायक। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे श्री गुरुनायक 1984 में संघ की येाजना से सेवा क्षेत्र में उतरे थे। एक सेवाभावी पुरुष श्री गोविन्द भट्ट से बहुत ही कम कीमत पर उन्हें 29 एकड़ जमीन इस आश्रम के लिए मिली थी। आश्रम का मासिक खर्च 65 से 85 हजार रुपए के बीच है। यह सारा धन अन्नदान निधि, बालपोषक निधि, बाल स्वास्थ्य निधि और भवन निर्माण निधि के रूप में दानकत्र्ताओं से प्राप्त होता है।इसके अलावा श्री गुरुनायक ने अनाथ बच्चों के लिए गुलबर्गा शहर में “नंदगोकुल” की भी स्थापना की है। इन दिनों 10 लाख रुपए की लागत से बनने वाले नंदगोकुल भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। श्री गुरुनायक अब एक वृद्धाश्रम और युवाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र शुरू करने जा रहे हैं। ऐसे सेवाभावी श्री गुरुनायक को राज्य सरकार एवं अन्य कई संस्थाओं नेे सम्मानित भी किया है।सम्पर्क पता-श्री दत्त बाल सेवाश्रमदेवल गागणापुर, तालुका-अफजलपुर,जिला-गुलबर्गा (कर्नाटक)प्रस्तुति: भारत जी. खमितकर4
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